गुरुपूर्णिमा महोत्सव २०२३

जगद्गुरु भगवान श्रीकृष्ण ने शिष्य अर्जुन का अमूल्य मार्गदर्शन कर द्वापरयुग में धर्म की संस्थापना की । उसी प्रकार कलियुग में हमें भी श्रीगुरु के मार्गदर्शन में प्रयास करने चाहिए । गुरु की कृपा प्राप्त करने हेतु श्रीगुरु का धर्मसंस्थापना का, अर्थात हिन्दू राष्ट्र-स्थापना का कार्य हमें अंगीकार करना होगा । इस विषय में विस्तार से विवेचन करने हेतु हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से गुरुपूर्णिमा का आयोजन किया गया है । इस उत्सव में सम्मिलित होकर आइए श्रीगुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें ! अपनी भाषा के अनुसार गुरुपूर्णिमा महोत्सव यहां देखें !

Watch Live

July 3, 2023, 7.30PM

July 3, 2023, 7.30PM

July 3, 2023, 7.00PM

July 3, 2023, 8.00PM

ऑनलाइन कार्यक्रम का स्वरूप

गुरुपूजन : श्री व्यासपूजन तथा प.पू. भक्तराज महाराजजी का प्रतिमापूजन
वीडिओ : सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी का मार्गदर्शन ! (संग्रहित वीडिओ)
व्याख्यान : धर्माधिष्ठित ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापना का संकल्प करें !

प्रत्यक्ष कार्यक्रम का स्वरूप

श्री व्यासपूजन तथा प.पू. भक्तराज महाराजजी का पूजन
हिन्दू जनजागृति समिति के स्वरक्षा प्रशिक्षण वर्ग के युवाओं द्वारा उपयुक्त प्रत्यक्ष प्रदर्शन
सात्त्विक ग्रंथ एवं उत्पादों की प्रदर्शनी
लघुचलचित्र तथा राष्ट्र एवं धर्म के विषय में समाज के मान्यवरों के मौलिक विचार
व्याख्यान : धर्माधिष्ठित ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापना का संकल्प करें !

गुरुपौर्णिमा महोत्सव के स्थल

समाज में धर्मजागृति के लिए समर्पित हिन्दू जनजागृति समिति इनके माध्यम से यह गुरुकार्य अर्थात ईश्वरीय कार्य अखंड चल रहा है । इसलिए जिज्ञासु, शुभचिंतक धर्मप्रसार का कार्य कर और उसके लिए धन अर्पण कर, इसके द्वारा गुरुपूर्णिमा का आध्यात्मिक स्तर पर लाभ लें !

गुरुपूर्णिमा का अधिकाधिक लाभ उठाने के लिए आवश्यक प्रयास

गुरुमंत्र का या कुलदेवता का अधिकाधिक नामजप करना
गुरुपूर्णिमा महोत्सव में सम्मिलित होकर अधिकाधिक सत्सेवा करना
सेवा के अंतर्गत प्रत्येक कृति भावपूर्ण व परिपूर्ण होने के लिए प्रार्थना व कृतज्ञता व्यक्त करना
गुरुकृपा पाने के लिए आवश्यक गुण, तीव्र मुमुक्षुत्व; अर्थात गुरुप्राप्ति के लिए तीव्र उत्कंठा, आज्ञापालन, श्रद्धा व लगन बढाने का दृढ निश्चय करना
गुरुकार्य के लिए धन अर्पण करना
गुरु को अपना सर्वस्व अर्पण कर देना ही खरी गुरुदक्षिणा है, यह ध्यान में रखना और वैसी कृति करने के लिए प्रयास करना
कालानुसार उचित साधना कर जीवन को सार्थक करना

गुरुपूजन

आषाढ पूर्णिमा को गुरुपूर्णिमा कहते हैं । गुरुके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने हेतु प्रत्येक गुरु के शिष्य इस दिन उनकी पाद्यपूजा करते हैं एवं उन्हें गुरुदक्षिणा अर्पण करते हैं । गुरुपूर्णिमा मनाने का उद्देश्य केवल गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना नहीं होता । इस दिन गुरु का कृपाशीर्वाद तथा उनसे प्रक्षेपित होनेवाला शब्दातीत (शब्दों के परे) ज्ञान सामान्य से सहस्र गुना अधिक होता है ।

गुरुपूर्णिमा के अवसर पर हिन्दू राष्ट्र के स्थापना का कार्य करने का निश्चिय करे !

जिस प्रकार रात्रि के पश्चात होनेवाला सूर्याेदय कोई नहीं रोक सकता, उसी प्रकार कालमहिमा के अनुसार होनेवाली धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र की स्थापना भी कोई नहीं रोक सकता । हिन्दू राष्ट्र आएगा, यह पत्थर की लकीर है । अनेक संतों ने भी उस संबंध में बताया है । काल भी उसी दिशा में जा रहा है । इसलिए इस काल में हमने यदि हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए कार्य किया तो, काल के अनुसार धर्मकार्य होकर उस माध्यम से हमारी साधना होगी । इसलिए इस वर्ष की गुरुपूर्णिमा के अवसर पर हिन्दू राष्ट्र के स्थापना का कार्य करने का निश्चय करे ।

वीडियो

गुरु शिष्य का अनमोल नाता
गुरु के प्रति श्रद्धा का महत्त्व !
गुरु आज्ञापालन कैसे करें ?
गुरु आज्ञापालन में ही शिष्य का कल्याण
शिष्य के मन में गुरु के प्रति कैसा भाव हो ?
गुरु के प्रति श्रद्धा होने से शिष्य में कौनसे गुण निर्माण होते हैं ?
गुरु भाग्य से मिलते है या कर्म से? क्या नामजप से प्रारब्ध बदलना संभव है?

JOIN