नैतिकता का -हास करनेवाली आधुनिक शिक्षाप्रणाली !
सत्य बोलनेवाले के पास केवल हृदय अर्थात नैतिकता होनी आवश्यक है और यही वर्तमान शिक्षाप्रणाली नहीं दे रही ! Read more »
सत्य बोलनेवाले के पास केवल हृदय अर्थात नैतिकता होनी आवश्यक है और यही वर्तमान शिक्षाप्रणाली नहीं दे रही ! Read more »
मित्रों, सम्पत्ति, वैभव, ऐश्वर्य आदि सर्व क्षणभंगुर है । इसके विपरीत ज्ञान अनेक जन्मोंतक हमारे साथ रहता है । Read more »
युवकों को अनिवार्यत: सैन्य प्रशिक्षण, उसी प्रकार संत, देशभक्त एवं क्रांतिकारियों की कथाएं अभ्यास हेतु दिए जाने से उनमें देश के लिए जीने एवं मरने की प्रेरणा मिलेगी । Read more »
वर्तमान में अपने राष्ट्र कीr नई पीढी नीतिहीन बन गई है । बालकों का चाल-चलन अयोग्य हो रहा है । बच्चे ‘कार्टून’जैसे विकृत कार्यक्रमों के शिकार हो रहे हैं । बच्चों में स्वाभिमान एवं राष्ट्रनिष्ठा दिखाई नहीं देती । Read more »
शिक्षक यानी समाज के योग्य दिशानिर्देशक ! शिक्षक जिस पीढी का निर्माण करते हैं, वही पीढी राष्ट्र का कार्यभार संभालती है । पर्याय से राष्ट्र के पुनर्निर्माण की मुख्य नींव ही शिक्षक हैं। Read more »
शिक्षकों के लिए मार्गदर्शक हों, ऐसे सूत्र लेख में दिए हैं । Read more »
सभी प्राणियों में एक ही ईश्वर वास करते है, यह भावना दृढ करना ही शिक्षक का खरा धर्म है । इसे विषय मे विस्तृत जानकारी प्रस्तुत लेख में दी है । Read more »
शिक्षा का उद्देश्य तथा शिक्षा से क्या प्राप्त करना है, इसका विस्मरण हुई वर्तमान शिक्षाप्रणाली Read more »
कोई भी निर्णय लेने से पूर्व स्वकीयों अथवा वरिष्ठों से उस विषय के बारे में पूछना, यह मनुष्यप्राणी का स्वभाव होना ‘प्रतिदिन होनेवाली बच्चों की आत्महत्या आज राज्यस्तरपर चिंता का विषय बन गया है । Read more »
छठवे शतक में चीनी यात्री हुसेन त्संग धर्मभूमि भारत का दर्शन करने
गैबी का मरुस्थल पार कर भारत आया । बौद्ध तीर्थक्षेत्रों का भ्रमण करते करते
बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय में आकर कुछ वर्ष उन्होंनें भारतीय परंपरा,
समाज एवं कला इत्यादिका अध्ययन किया । Read more »