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भारत के टुकडे कर मिली स्वतंत्रता क्या वास्तव में स्वतंत्रता है ? – मारुती सुतार

निपाणी में हिन्दू संगठन मेले में २२५ से अधिक हिन्दू उपस्थित

hindusanghatanनिपाणी – हम प्रतिवर्ष १५ अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं; परंतु भारत के टुकडे कर  मिली स्वतंत्रता क्या वास्तव में स्वतंत्रता है ? केवल गांधीजी ने कहा, इसलिए वह स्वतंत्रता नहीं हो सकती । भारत के टुकडे केवल गांधीजी के कारण हुए । उस समय जीना कहते थे, ‘लडके लिया पाकिस्तान, अब हंसकर लेंगे हिंदुस्तान !’ पाकिस्तान ने भारत को हथियाने हेतु ६ बार भारत से युद्ध किया । तब भी पाकिस्तानी भारत को नियंत्रण में नहीं ले सके । इसलिए अब वे आतंकवाद के माध्यम से भारत में प्रवेश कर रहे हैं । श्रीराम सेना के बेलगांव जिला प्रवक्ता श्री. मारुती सुतार ने ऐसे उद्गार व्यक्त किए । ९ अगस्त को हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा निपाणी (जिला बेलगांव) के श्री वेंकटेश मंदिर में हिन्दू तेज से प्रभावित वातावरण में संपन्न हिन्दू संगठन मेले में वे प्रमुख वक्ता के रूप में बोल रहे थे ।

इस मेले में निपाणी के समाधि मठ के मठाधीश पू. प्राणिंलंग स्वामीजी की वंदनीय उपस्थिति रही । इस मेले में २२५ से अधिक हिन्दू धर्माभिमानी उपस्थित थे । सूत्रसंचालन श्री. बाबासाहेब भोपले द्वारा किया गया ।

श्री. मारुती सुतार ने आगे कहा…..

१. २६/११ को मुंबई पर हुआ आक्रमण एवं अन्य आतंकवादी आक्रमण उसका ही अंश था । अब भारत में लवजिहाद, लैंड जिहाद, धर्मपरिवर्तन, दंगे, तथा गोहत्या के माध्यम से धर्मांध सक्रिय हो गए हैं ।

२. निपाणी नगर के निर्धन व्यावसायियों की दुकानों को अतिक्रमण संबोधित कर गिराते हुए नगरपालिका को कुछ संकोच नहीं प्रतीत हुआ; परंतु वही नगरपालिका मुसलमानों के लिए आधुनिक पशुवधगृह खोलने हेतु प्रयत्नशील है ।

३. यद्यपि आज हिन्दुओं के समक्ष अनेक समस्याएं हैं, परंतु इन सभी समस्याओं का एकमात्र उत्तर है ‘हिन्दू राष्ट्र’ की  स्थापना  । इसके लिए यद्यपि अपने हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों  की कार्य कार्यपद्धतियां निराली हैं, परंतु हमें ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने हेतु एकत्रित आना चाहिए एवं धर्मशिक्षा तथा धर्मपालन कर ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना करनी चाहिए

इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. राजन बुणगे ने अपने विचार प्रस्तुत किए तथा श्री. मधुकर नाजरे ने हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य का एवं सनातन संस्था की श्रीमती अनिता बुणगे ने परात्पर गुरु डॉ. आठवले एवं अध्यात्म विश्वविद्यालय का परिचय दिया । अध्यात्म विश्वविद्यालय की दृक्श्राव्यचक्रिका द्वारा परदे पर प्रस्तुतीकरण किया गया । हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. हृषिकेश गुर्जर ने हिन्दू वार्ता एवं अपना योगदान विषय पर मार्गदर्शन किया । इस अवसर पर गणेशोत्सव कैसा हो एवं वर्तमान समय में गणेशोत्सव का स्वरूप विषय पर दृक्श्राव्यचक्रिका दर्शाई गई ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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