सीरिया – आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट अब एचआईवी पॉजिटिव अपने १६ लड़कों की टीम को फिदायीन हमलावर बनाकर भेजने की तैयारी में जुटा है। आईएस इन आतंकियों को आत्मघाती हमलावर बनने के लिए मजबूर कर रहा है।
समाचार के अनुसार इन आतंकियों ने मोरक्को की उन महिलाओं से यौन संबंध स्थापित किए थे जो एचआईवी पॉजिटिव थीं। जो आतंकी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं उनमें से ज्यादातर विदेशी लड़ाके हैं। इन सभी का आईएस की ओर से संचालित एक हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।
महिलाएं भाग गई हैं तुर्की
पिछले साल आईएस ने उस लड़ाके का सिर कलम कर दिया था जो एचआईवी से ग्रसित था और जिसके संक्रमित रक्त को दूसरे आतंकी को चढ़ाया गया था। आतंकियों को यह पता नहीं था कि वे जिन महिलाओं से यौन संबंध बनाने जा रहे हैं वे एचआईवी पॉजिटिव हैं।
मोरक्को की जिन महिलाओं से इन आतंकियों ने यौन संबंध बनाए थे वे तुर्की भाग गई हैं। उन्हें डर है कि आईएस के आतंकी उन्हे मार देंगे। इस घटना से संगठन के नेतृत्व में हड़कंप मच गया है।
गौरतलब है कि आईएसआईएस उन आतंकियों को आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी देता है जो टेस्ट में एचआईवी पॉजिटिव पाए जाते हैं।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स