‘सिंहस्थ पर्व – नासिक !’
सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रसार कार्य
* दिवारोंपर मुद्रित किए गए फलक श्रद्धालुओंके आकर्षण का केंद्रबिंदू !
* सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी को उत्तम प्रतिसाद !
त्र्यंबकेश्वर-नासिक : श्रावण पूर्णिमा को त्र्यंबकेश्वर के तीर्थराज कुशावर्त कुंड में पहला राजयोगी स्नान (शाही स्नान) होगा।
इस उपलक्ष्य में त्र्यंबकेश्वर के १० अखाडोंके संतमंहत तथा महामंडलेश्वर यहां उपस्थित हुए हैं। साथ ही पूरे भारत से श्रद्धालु भी अधिक संख्या में इकट्ठे हुए हैं।
सिंहस्थ पर्व के उपलक्ष्य में त्र्यंबकेश्वर परिसर में सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति के माध्यम से धर्मप्रसार कार्य को भी गति प्राप्त हुई है। सिंहस्थपर्व के आयोजन के कालखंड में सनातन संस्था के साधकोंने दिनरात सेवा कर त्र्यंबकेश्वर में अधिकाधिक धर्मप्रसार करने के उद्देश्य से मुख्य स्थानोंपर दिवारोंपर प्रबोधन पर लिखान किया है। उस में हिन्दू धर्म तथा सामाजिक विषयोंपर आधारित पृथक आशय के संदेश प्रकाशित किए हैं। श्रद्धालुओंका प्रबोधन तथा धर्मप्रसार इस उद्देश्य से मुद्रित की गई सभी दिवारें सभी लोगोंके आकर्षण का केंद्रबिंदू सिद्ध हुई हैं।
जिन मार्ग से पृथक अखाडोंकी पेशवाई शोभायात्रा जाएगी, वे मार्ग अथवा कल आयोजित राजयोगी स्नान का नियोजित मार्ग, इन सभी मुख्य स्थानोंपर सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति के प्रबोधनपर अथवा स्वागत के फलक प्रसारित किए गए हैं।
साथ ही सनातन संस्थाद्वारा ग्रंथ एवं उत्पादनं प्रदर्शनी के धर्मरथ का भी प्रबंध किया गया। इस धर्मरथ में आयोजित की गई ग्रंथप्रदर्शनी तथा सात्त्विक वस्तुओंकी प्रदर्शनी का लाभ अधिकांश श्रद्धालु ऊठा रहे हैं। साथ ही साधक शरीर पर ‘डॅन्गलर’ (ग्रंथ रखने हेतु कप्पावाला अंगफलक) पहन कर भ्रमण स्वरूप में ग्रंथविक्रय कर रहे हैं, साथ ही अन्य हिन्दूत्वनिष्ठोंसे भेंट कर उन्हें संस्था के कार्य की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात