पाकिस्तान की नापाक हरकतोंका जीता-जागता सबूत !
पाकिस्तान से एनएसए स्तर की बातचीत पर जारी बवाल के बीच बीते शनिवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का ध्यान इन खबरोंकी तरफ खींचा गया था कि पाकिस्तान ने अपने यहां अशांति फैलाने में भारतीय एजेंसियोंके कथित हाथ के सबूत इकट्ठे किए हैं। इस पर स्वराज ने कडे शब्दों में कहा कि सरताज अजीज (पाकिस्तान के एनएसए) आएं, वे सबूत दें तो हम उन्हें जिंदा इंसान सौंपेंगे।
उनका इशारा जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में पकड़े गए दहशतगर्द नावेद की तरफ था। नावेद मान चुका है कि वह पाकिस्तान से आया। नावेद की गिरफ्तारी के २२ दिन बाद (गुरुवार को) उसके जैसा ही एक और जीता-जागता सबूत भारत के हाथ लगा। सुरक्षा बलोंने जम्मू-कश्मीर में सोपोर जिले के राफियाबाद में आतंकवादी सज्जाद अहमद को धर दबोचा। उम्र २२ साल। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुजफ्फराबाद का निवासी। तीन आतंकी साथियोंके साथ २५-२६ अगस्त की रात भारत में घुसा। सज्जाद के पास से चार एके-४७ राइफलें और ग्रेनेड बरामद हुए।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू के इस बयान से सहज ही सहमत हुआ जा सकता है कि २२ दिन के अंदर दूसरे आतंकवादी का जिंदा पकड़ा जाना भारतीय सुरक्षा बलोंकी बड़ी सफलता है। इस से एक और ऐसा सबूत भारत के हाथ लगा है, जिसका खंडन करना पाकिस्तान के लिए मुश्किल होगा। नावेद और सज्जाद ऐसे साक्ष्य हैं, जिनसे न सिर्फ भारत में आतंक फैलाने के पाकिस्तानी तंत्र के बारे में विश्वसनीय सूचनाएं मिलेंगी, बल्कि दोनोंके कूटनीतिक उपयोग भी हैं।
एनएसए स्तर की वार्ता रद्द होने के बाद पाकिस्तान की कोशिश भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव डलवाने की है। इसी मकसद से सरताज अजीज ने यह बयान दिया कि परमाणु हथियार से लैस पाकिस्तान अपनी हिफाजत करना जानता है। कोशिश अंतरराष्ट्रीय समुदाय में परमाणु युद्ध का डर पैदा करने की थी। इसी बीच यह खबर आई है कि पाकिस्तान के सांसदोंकी एक समिति के सामने अपने प्रजेंटेशन में पाक सेना ने भारत को पाकिस्तान के लिए अकेला बाहरी खतरा बताया है। उसने कहा कि वार्ता टलने के बाद दोनों देशोंके संबंध और खतरनाक हो गए हैं।
स्त्रोत : नई दुनिया