‘सिंहस्थ पर्व – नासिक !’
- कुशावर्त की ओर गंगा-गोदावरी मंदिर में पुलिस रखते है जूते !
- पुलिसद्वारा मंदिर की पवित्रता संजोए न जाने के कारण भक्तगण संतप्त
त्र्यंबकेश्वर-नासिक : श्रावणी पूर्णिमा के महत्त्वपूर्ण मुहुर्त पर कल त्र्यंबकेश्वर के कुशावर्त कुंड में अखाडोंका राजयोगी स्नान संपन्न हुआ।
तदुपरांत सर्वसाधारण लोगोंने पूरा दिन इस कुंड में पवित्र स्नान किया; परंतु इस समय प्रशासनद्वारा स्नान करने हेतु कुंड की ओर आनेवाले भक्तोंके जूते तथा चप्पलें इत्यादि रखने की सुविधा नहीं की गई थी। इसी समय वहां की व्यवस्था के लिए आए सैकडों पुलिसकर्मियोंके जूते रखने की सुविधा के लिए कुशावर्त कुंड के बाजू में प्रसिद्ध गंगा-गोदावरी मंदिर का उपयोग किया गया, यह देख कर इस मंदिर में दर्शन हेतु आनेवाले अनेक भक्तोंने क्रोध व्यक्त किया।
कुंड के समीप सुविधा होने की भावना से पुलिस प्रशासनद्वारा इस मंदिर का धीरे-धीरे विश्राम के स्थान के रूप में उपयोग करना आरंभ किया गया। उस समय जूते पहन कर मंदिर में प्रवेश करना, बैठने हेतु जूते सुरक्षित स्थान पर रखे जाने के लिए उन जूतोंको मंदिर के गर्भगृह में रखा जाना ऐसे प्रकरण होने लगे। इस लिए कुछ भक्तोंने यह प्रकार देख कर संताप व्यक्त किया। भक्त ऐसी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे कि किस प्रकार से पुलिस मंदिर की पवित्रता को नष्ट कर रहे हैं। वे ऐसी भी चर्चा कर रहे थे कि पुलिस प्रशासनद्वारा पुलिस के निवास के लिए स्वतंत्र व्यवस्था क्यों नहीं की जाती ?
इस संबंध में नागरी प्रशासन के अधिकारियोंको पूछा जानेपर उन्होंने अपनी हतबलता दर्शाई।
क्षणिका
नासिक कुंभपर्व के उपलक्ष्य में सनातन संस्थाद्वारा साधुग्राम के पालीवाल अन्नछत्र में धर्माचरण के विषय में फलकों की प्रदर्शनी लगाई गई थी। यह देख कर एक साधु ने फलकपर का पूरा लेखन लिख लिया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात