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अफगानिस्तान में तालिबानी सजा – महिला को सरेआम मारे १०० कोडे

काबुल – अफगानिस्तान के पश्चिमी घोर प्रांत में सोमवार को एक महिला और पुरुष को सरेआम १०० कोड़े मारे गए। दोनों को आपत्तिजनक हालत में पकड़ा गया था और व्यभिचार के आरोप में उन्हें सजा दी गई। इस दौरान दर्जनों लोग घटनास्थल पर मौजूद थे और अपने मोबाइल फोन से रिकॉर्डिंग कर रहे थे।

१९९६ से २००१ तक तालिबानी शासन के दौरान इस तरह की सजा देना आम था। लेकिन, तालिबान के कमजोर पड़ने के बाद इस तरह की घटना चौंकाने वाली है।

एक महिला बुर्के में जमीन पर बैठी दिख रही है और पगड़ी पहना व्यक्ति उसे चमड़े के चाबुक मार रहा है। इस दौरान कुछ ही दूरी पर कुर्सियों पर बैठे दर्जनों लोग इसे देख रहे हैं।

गौरतलब है कि स्थानीय सरकार द्वारा इस तरह की सजाओं को समर्थन प्राप्त है। सजा को सही ठहराते हुए स्थानीय गवर्नर सेमा जोवेंदा के प्रवक्ता ने कहा, “पिछले काफी समय से दोनों के अवैध रिश्ते थे, लेकिन कुछ दिन पहले ही इन्हें पकड़ा गया। ये सजा शरिया कानून के मुताबिक दी जाती है और इससे दूसरों को सबक मिलेगा।”

गौरतलब है कि अफगानिस्तान की सरकार देश के अंदरूनी इलाकों में शरिया कानून के आधार पर दी जाने वाली सजा का विरोध करती है, लेकिन इसे पूरी तरह रोकने में नाकाम है।

अफगानिस्तान के कबीलाई इलाकों में आज भी पत्थरों से कुचलने और कोड़े मारने की सजा दी जाती है। इस साल मई में काबुल में एक महिला को भीड़ ने पीटने के बाद जिंदा जला दिया था। उसपर कुरान जलाने का झूठा आरोप लगाया गया था।

स्त्रोत : दैनिक भास्कर

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