आन्दोलन में उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठ
जंतर मंतर, नई दिल्ली पर ६ सितम्बर २०१५ को राष्ट्रीय हिन्दू आन्दोलन संपन्न हुआ जिसमें वैदिक उपासना पीठ, हिंदु जनजागृति समिति, सनातन संस्था और विश्व हिंदू परिषद के ४० कार्यकर्ता सहभागी हुए ।
निम्न विषयों पर ये आन्दोलन किया गया –
१. कराची चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स, पाकिस्तान हाय कमीशन और फेडरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन के संयुक्त विद्यमान से देहली में ११ से १३ सितम्बर, २०१५ को आयोजित प्रदर्शनी के विरोध में तथा इसके पूर्व (१०.९.२०१५) ‘एक शाम पाकिस्तान के नाम’ इस कव्वाली और फैशन शो का कार्यक्रम निरस्त करें।
२. पाकिस्तान एवं इस्लामिक स्टेट के झंडे फहारानेवाले देशद्रोहियों पर कार्यवाही हो !
३. मुसलमानों की लोकसंख्या वृद्धी के विरोध में !
४. नेपाल को हिंदू राष्ट्र घोषित करे !
क्षणिकाएं :
१. आंदोलन में कई धर्मांध आस पास घूम रहे थे। कुछ धर्मांध आंदोलन का विषय ध्यान से सुन रहे थे। एक धर्मांध व्यक्ति ११:३० बजे आया और समिति के कार्यकर्ता श्री. अरविन्द गुप्ता जी को मिलकर कहा – ‘मैं भी आप के आंदोलन में सहभागी होना चाहता हूं।’ जब उसे हस्ताक्षर करने को कहा गया तो बोलने लगा – ‘मैं अपनी मां को भी साथ में लेकर थोड़ी ही देर में आता हूं’ और वहां से निकल गया बाद में अन्त तक नहीं आया ।
२. एक धर्मांध घोषणा सुनकर वहां पर रुका और समिति के श्री.अरविंद गुप्ता जी बात करने लगा ।
धर्मांध : ‘क्या मुसलमान इंसान नहीं होते ? आप क्यों उनके विरोध में नारे लगाते हो ?’
अरविन्द गुप्ता : ‘अगर मुसलमान इंसान है, तो कश्मीर से हिन्दू इतने कम कैसे हुए ? उनका वंश विच्छेद कैसे हुआ ?
धर्मांध : क्या हिन्दू आपस में नहीं झगडते ?
अरविंद गुप्ता : हिन्दू झगडते हैं लेकिन किसी का वंशविच्छेद नहीं करते, जैसे कश्मीर में हिन्दुओ के साथ हुआ है। आज हिन्दुओ की स्थिति पाकिस्तान में भयावह है । हिन्दू अपने शवों को भी जला नहीं सकते। पाकिस्तान में हिन्दुओ की जनसंख्या इतनी कम कैसे हुई ?
तब वह निरुत्तर हो गया और उत्तर देने में टालमटोल करने लगा और वहां से निकल गया ।
३. ४० से ५० मुसलमान आंदोलन के आस पास घूम रहे थे और विषय ध्यान से सुन रहे थे।