अगरतला – त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने सोमवार को एक ट्वीट कर कहा कि वह सेक्युलर नहीं हिंदू हैं। रॉय का ट्वीट है, ‘आपकी यह राय कैसे बनी कि मैं सेक्युलर हूं ? मैं एक हिंदू हूं। हालांकि मेरा देश भारत १९७६ से सेक्युलर है।’
रॉय ने यह ट्वीट किसी अरुण नांबियार के ट्वीट के जवाब में किया था। उनके इस ट्वीट की विभिन्न राजनीतिक दलों ने यह कहते हुए आलोचना की है कि एक संवैधानिक पद पर बैठकर इस तरह का बयान नहीं दिया जाना चाहिए।
रॉय का यह बयान ट्विटर पर हुई एक छोटी सी बहस के दौरान आया जब नांबियार ने रॉय के ही एक बयान का स्नैपशॉट ट्वीट किया। इस बयान में रॉय ने कहा था, ‘शेख हसीना हिंदुओं से कहती हैं कि अल्पसंख्यक कहकर खुद को गिराओ मत। आप यहां रहेंगे क्योंकि यह आपकी मातृभूमि है।’ इस बयान पर नांबियर ने टिप्पणी की, ‘तो अब बांग्लादेशी तथागत को सेक्युलर होना सिखा रहे हैं। क्या अब वह मुसलमानों को मारने वाला अपना ट्वीट डिलीट करेंगे ?’
इस पर राज्यपाल तथागत रॉय ने कहा, ‘आपकी यह राय कैसे बनी कि मैं सेक्युलर हूं? मैं एक हिंदू हूं। हालांकि मेरा देश भारत १९७६ से सेक्युलर है।’
हम काँग्रेस से पूछना चाहते हैं कि मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए किस संवैधानिक आधार पर कहा था कि देश की साधनसंपत्ती पर पहला अधिकार मुसलमानों का है ? उस समय काँग्रेस को संविधान की याद क्यों नहीं आई ? – सम्पादक, हिन्दूजागृति
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स