नई दिल्ली : राजधानी की औरंगजेब रोड का नाम बदलने में आरएसएस, विहिप अथवा बजरंग दल की कोई भूमिका नहीं थी। यह विचार तो पाकिस्तान मूल के एक व्यक्ति का था, जो अब कनाड़ा में बस गया है। यह बात आरएसएस के अखबार आर्गनाइजर में छपे एक लेख में कही गई है।
अखबार के अनुसार पाकिस्तान मूल के पत्रकार तारिक फतह ने जो अब कनाड़ा में बस गए हैं, ने साल 2013 में दिल्ली का दौरा किया था। वह यह देखकर आश्चर्यचकित रह गए थे कि कि यहां एक सड़क का नाम औरंगजेब के नाम पर है।
उन्होंने नाम बदलने के लिए भारतीय मुसलमानों से नवाचार करने की अपील की थी। वह सड़क का नामकरण औरंगजेब के भाई दारा शिकोह के नाम पर करना चाहते थे।
अखबार में लिखा गया है कि पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम के निधन के बाद फतह ने ट्विटर पर सड़क का नाम डा. कलाम के नाम पर करने का मुद्दा उठाया था। जिस पर दिल्ली के एक भाजपा सांसद ने नाम बदलने के लिए प्रधानमंत्री से मदद की अपील की थी।
स्त्रोत : राजस्थान पत्रिका