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नेपाल कार्यवाई पर अड़ा, सऊदी का आरोपों से इनकार

सऊदी अरब के राजनयिक का नेपाली युवतियों के साथ दुष्कर्म मामले में भारत कूटनीतिक हल नहीं निकाल पा रहा है। नेपाल पूरे मामले की जांच रिपोर्ट आने तक धैर्य रखने के लिए तो तैयार है, मगर वह आरोपी राजनयिक के खिलाफ हर हाल में कार्रवाई चाहता है।

दूसरी ओर राजनयिक के यहां पुलिस छापेमारी पर नाराजगी जताने वाला सऊदी अरब अब भी इस मामले में अपने राजनयिक की गलती मानने के लिए तैयार नहीं है।

इस बीच आरोपी राजनयिक का पुलिस केसमक्ष बयान दर्ज कराने के लिए सऊदी दूतावास से अनुरोध करने के बाद विदेश मंत्रालय ने अपना रुख कड़ा करने का संदेश दिया है।

इस क्रम में भारत जल्द ही आरोपी का राजनयिक दर्जा खत्म करने का सऊदी अरब से अनुरोध करेगा। ऐसा नहीं किए जाने पर अंत में आरोपी राजनयिक को निष्कासित करने का निर्णय लिया जा सकता है।

हालांकि वैश्विक मंच पर सऊदी अरब की कूटनीतिक अहमियत के मद्देनजर भारत इस मामले में कठोर कार्रवाई से बचना चाहता है। फिर भारत ऐसे समय में सऊदी अरब के साथ संबंधों में खटास नहीं डालना चाहता, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही इस देश की यात्रा पर जाने वाले हैं।

भारत की चिंता की दूसरी वजह इस मामले के कारण नेपाल से नाराजगी का खतरा भी है। चूंकि नेपाल इस मामले में आरोपी राजनयिक के खिलाफ कार्रवाई पर अड़ा हुआ है, इस कारण भी भारत इस विवाद में बीच का रास्ता नहीं निकाल पा रहा है।

पूरे मामले में सऊदी अरब के रुख से भारत बेहद नाराज है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक ज्यादातर ऐसे मामलों में संबंधित देश अपने राजनयिक को विवाद बढ़ने से पहले ही वापस बुला लेता है।

मगर सऊदी अरब ने इस मामले में आरोपी के पक्ष में खड़ा हो कर स्थिति को जटिल बना दिया है। भारत के सामने अब आरोपी का पुलिस के समक्ष बयान कराने और उसके बाद सऊदी अरब से आरोपी को दिया गया राजनयिक दर्जा वापस लिए जाने की मांग के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है।

उक्त अधिकारी के मुताबिक इसके बाद अंत में उक्त राजनयिक को निष्कासित करने का ही विकल्प बचता है। हालांकि अंतिम विकल्प चुनने से पहले भारत को सऊदी अरब को विश्वास में लेना होगा।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक नेपाल के राजदूत ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि उसे जांच के नतीजे में समय लगने पर एतराज नहीं है, मगर नतीजे आने के बाद आरोपी राजनयिक केखिलाफ हर हाल में कार्रवाई होनी चाहिए।

चूंकि मामला दुष्कर्म का है, इसलिए राजनयिक के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने की स्थिति में जहां देश में यह सियासी मुद्दा बन सकता है, वहीं नेपाल में भारत विरोधी भावना भड़काने वालों को भारत पर हमला करने का एक और मौका मिल सकता है।

पूरे मामले में बीच का रास्ता यह है कि जिद पर अड़ा सऊदी अरब खुद अपने राजनयिक को वापस बुला ले। हालांकि इसमें बड़ा पेंच यह है कि ऐसे में नेपाल भारत के समक्ष नाराजगी जता सकता है।

दूसरी स्थिति में अगर आरोपी का राजनयिक का दर्जा वापस लिया गया तो उसे गिरफ्तारी का सामना करना पड़ेगा। तीसरी स्थिति में भारत आरोपी राजनयिक को निष्कासित कर विवाद को खत्म सकता है।

हालांकि सऊदी अरब को विश्वास में लिए बिना अगर भारत ने ऐसी कार्रवाई की तो दोनों देशों के रिश्तों में दरार आएगी। मुश्किल यह है कि पीएम मोदी जल्द ही सऊदी की यात्रा पर भी जाने वाले हैं।

इस बीच बृहस्पतिवार को भारत ने सऊदी अरब के राजदूत मोहम्मद अलसती को तलब कर दुष्कर्म के आरोपी राजनयिक का पुलिस के समक्ष बयान दिलाने में सहयोग करने का अनुरोध किया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि हमने इस गवाही के लिए मदद करने का एक अनुरोध किया है। इस बीच महिला संगठन ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वूमेंस एसोसिएशन ने सऊदी दूतावास के समक्ष प्रदर्शन किया।

स्त्रोत : अमर उजाला 

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