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सिंहस्थ पर्व के दुसरे शाही स्नान के पर साधु-महंतोंका जयजयकार कर श्रद्धालुओंने किया शोभायात्रिओंका स्वागत !

‘सिंहस्थ पर्व – नासिक !’

इस पर्व के दुसरे राजयोग (शाही) स्नान समय साधु-महंतोंका स्वागत !

शोभायात्रा का स्वागत करने हेतु प्रकाशित किए गए फलक

त्र्यंबकेश्वर-नासिक : त्र्यंबकेश्वर में प्रातः ३ बजे से पृथक अखाडोंके साधु-महंतोंने राजयोग (शाही)स्नान के लिए कुशावर्त कुंड की ओर प्रयाण किया।

उस समय श्रद्धालुओंने विभिन्न स्थानोंपर रंगोली तथा पुष्प सज्जा कर पृथक अखाडोंद्वारा आयोजित शोभायात्रा का स्वागत किया। श्रद्धालुओंने अखाडोंके साधु-संतोंका औक्षण कर उन पर पुष्पवृष्टि भी की। इस में महिला श्रद्धालु तथ युवतियां आगे थीं।

सनातन के संत तथा साधक शोभायात्रा का स्वागत करते हुए
विदेशी श्रद्धालु उत्स्फूर्तरूप से घोषणा करते हुए

पालकमंत्री श्री. गिरीश महाजनद्वारा साधु-महंतोंका स्वागत !

शाहीस्नान की दूसरी पर्वणी को नासिक में ७ लक्ष, तो त्र्यंबकेश्वर में डेढ लक्ष श्रद्धालु शनिवार सायंकाल तक प्रवेश हुए थे। राज्य के जलसंपदामंत्री तथा नासिक के पालकमंत्री श्री. गिरीश महाजन ने अखाडोंकी शोभायात्रा से भेंट कर शोभायात्रा का स्वागत भी किया।

नासिक में मध्यप्रदेश के मंत्री भी उपस्थित !

अगला कुंभमेला मध्यप्रदेश के उज्जैन में संपन्न होगा। अतः नासिक में प्रशासनद्वारा व्यवस्था किस प्रकार से की गई है किस तंत्र का उपयोग किया गया है, इस का अभ्यास करने हेतु मध्यप्रदेश के मंत्री नासिक आए थे।

क्षणिकाएं

१. दूसरे राजयोग स्नान के लिए जानेवाले निर्मोही अखाडे की शोभायात्रा में अनेक प्रकार के कसरतोंके प्रात्यक्षिक दिखाए गए। साथ ही शस्त्रास्त्रोंके प्रात्यक्षिक भी दिखाये गये।

२. रात्रि १२ बजे से महिला तथा पुरुषोंने घरोंके सामने रंगोली मुद्रित कर शोभायात्रा का स्वागत किया।

३. बालगोपालोंने भी रात्रि १२ बजे से हर हर महादेव के जयघोष में शोभायात्रा का स्वागत किया।

४. अखाडे के साधुओंने शोभायात्रा में तलवार तथा गदा हाथ में पकडकर हर हर महादेव की घोषणाएं कीं।

५. त्र्यंबकेश्वर के नगरपरिषद के निकट सुरक्षा पुलिस ने श्रद्धालुओंके साथ स्नेहपूर्वक व्यवहार किया।

६. आंबेडकर चौकपर श्रद्धालुओंके लिए स्वच्छतागृह की सुविधा की गई थी; किंतु प्रातः श्रद्धालुओंने उस स्थान पर पानी उपलब्ध न होने का परिवाद किया। अतः श्रद्धालुओंको बताया गया कि शहर में भीड होने के कारण पानी का टैंकर उस स्थान तक नहीं पहुंच सकता।

त्र्यंबकनगरी में दिशादर्शक फलक न होने के कारण श्रद्धालुओंको हुई असुविधा !

कुशावर्त कुंड में पृथक मार्गोंसे अखाडे राजयोग स्नान हेतु मार्गस्थ होते हैं। भीड पर नियंत्रण रहे, इस लिए पुलिस ने सर्व मार्गोंपर सुरक्षाभित्ति (बॅरिकेड्स) की व्यवस्था की गई थी। किंतु कुंड की ओर किस मार्ग से जाना है, स्नान के पश्चात किस मार्ग से लौटना है, परिसर में इस संदर्भ की जानकारी प्रदान करनेवाले फलक प्रसारित न होने के कारण अनेक श्रद्धालुओंको असुविधा हुई। अनेक श्रद्धालु लौटने के मार्ग से ही कुंड की ओर आने का प्रयास कर रहे थे। अधिक दूर तक आगे आने के पश्चात पुलिस श्रद्धालुओंको दूसरे मार्ग से जाने के लिए बता रही थी। इस से अन्य स्थानोंसे आए श्रद्धालु त्रस्त हो रहे थे। इस लिए पुलिस तथा श्रद्धालुओं में तनाव का वातावरण उत्पन्न हो गया था। आंबेडकर चौक पर उत्पन्न इस परिस्थिति के कारण गिरने से एक महिला श्रद्धालु के सिर पर चोट पहुंची।

लावारिस थैली में मिले वस्त्र !

त्र्यंबकेश्वर के नगरपरिषद के निकट पुलिस को एक लावारिस थैली प्राप्त हुई। पुलिस का श्वान दल तथा बम अन्वेषण दलद्वारा उसकी जांच करने पर उस में वस्त्र मिले, तब कहीं पुलिसवाले शांत हुए।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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