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साधु, संत एवं महंतोंके चरणस्पर्शसे गोदावरी कृतकृतार्थ !
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पुलिस सुरक्षा सौम्य हो जानेसे लाखो श्रद्धालुओंने उठाया स्नानका लाभ !
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सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समितिकी ओरसे साधु, संत एवं महंतोंका स्वागत !
नासिक (महाराष्ट्र) – सिंहस्थ पर्वके निमित्तसे सम्पन्न राजयोगी स्नानके कारण तपोनिधि साधु-महंतोंके चरणस्पर्श होते ही गौतमी ऋषिकी पवित्र गोदावरी मानो कृतकृतार्थ हो गई ।
१३ सितम्बरको ब्राह्ममुहूर्तसे ही निनाद करनेवाला गोदावरीका प्रवाह यह बता रहा था । श्रावण अमावस्या अर्थात १३ सितम्बर २०१५ को सिंहस्थ पर्वका दूसरा राजयोगी (शाही) स्नान बडे उत्साहसे सम्पन्न हुआ । सिंहस्थनगरी, नासिकमें अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाडा, अखिल भारतीय श्री पंच दिगम्बर अनी अखाडा और अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाडा; इन तीनों अखाडेके साधु-महंतोंने पवित्र रामकुण्डमें राजयोगी स्नान किया ।
त्र्यंम्बकेश्वर भगवानकी, श्री त्र्यम्बकेश्वर नगरीके कुशावर्त तीर्थराजमें ‘हर हर महादेव’ और वेदमंत्रोंका उच्चारण करते हुए शंकराचार्य, १० शैव अखाडे और साधुसंतोंने अपने पारम्पारिक अस्त्र-शस्त्रोंके साथ अत्यंत उत्साह तथा आनंदपूर्वक वातावरणमें दूसरे पर्वका राजयोगी स्नान किया । इस समय देशके श्रद्धालुओंके साथ इंग्लैंड, जापान, ऑस्ट्रिया, चीन तथा अन्य देशोंसे आए विदेशी भक्तोंने भी स्नान किया । पुलिससूत्रोंने कहा कि प्रातः २.३० से सवेरे १०.३० तक लगभग डेढ लाख श्रद्धालुओंने स्नान किया । पहले पर्वमें पुलिसद्वारा अत्यंत कडी सुरक्षा रखी गई थी; परंतु दूसरे पर्वमें श्रद्धालुओंको अधिक देरतक रोककर नहीं रखा और सुरक्षा भी सौम्य की, इसलिए श्रद्धालु अधिक संख्यामें थे ।
….और साधु-संतोंने की सनातनके साधकोंपर पुष्पवृष्टि !
सनातनके साधक और हिन्दू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताओंद्वारा पारम्पारिक पद्धतिसे किए स्वागतका साधु, संत, महंत एवं श्रद्धालुओंने प्रशंसा कर साधक एवं कार्यकर्ताओंको आशीर्वाद और शुभकामनाएं दी । साधक और कार्यकर्ताओंद्वारा किए गए स्वागतसे प्रसन्न होकर कुछ संत-महंतोंने उनके गलेकी पुष्पमालाएं और पुष्पोंसे साधक और कार्यकर्ताओंपर पुष्पवृष्टि की ।
क्षणिकाएं
१. इस राजयोगी स्नानके निमित्त शोभायात्राका मार्ग तथा रामकुण्ड परिसरमें सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समितिके स्वागतपर बैनर्ससे वातावरण सात्त्विक हुआ ।
२. सनातन और समितिके अनुशासनबद्ध सहयोगकी पुलिसने प्रशंसा की और शोभायात्रामें स्वयं होकर सहायता की ।
३. राजयोगी स्नानके प्रसंगमें शोभायात्राका स्वागत करते समय सनातनके साधक और समितिके कार्यकर्ताओंने दी ‘जय श्रीराम’, ‘आर्य सनातन वैदिक हिन्दू धर्मकी जय’, ‘भारतमाताकी जय’, ‘हर हर महादेव’, ‘रामकृष्ण हरि’, ‘जय जय रामकृष्ण हरि’ आदि घोषणाओंसे वातावरणमें चेतना जाग उठी ।
४. संत और साधकोंने दी घोषणाओंके कारण वातावरणमें क्षात्रतेज वृद्धिंगत होकर कुछ संत और श्रद्धालुओंने स्वयंस्फूर्तिसे घोषणाएं दी । एक विदेशी श्रद्धालूने भी ध्वनिक्षेपकसे स्वयंस्फूर्तिसे ‘जय श्रीराम’ यह घोषण कुछ समयतक दी ।
५. अधिकतर विदेशी श्रद्धालुओंका शोभायात्रामें सहयोग और भावपूर्ण स्नान !
६. तलवारबाजी, दाण्डपट्टा, लाठी चलाना आदिके साथ साधुओंकी शोभायात्राएं निकली !
७.निर्मोही अखाडा जैसे सबसे विशाल अखाडेमें महाराष्ट्रके वारकरी भी सम्मिलीत थे !
८. अखाडेके साधु-संतोंने कुशावर्तपर किया राजयोगी स्नान !