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इस्लामिक स्टेट के लिए आफ्शा जबीन ने कैसे किया सोशल मीडिया का उपयोग ?

हैदराबाद – आफ्शा जबीन पर आरोप है कि उसे दुनिया के खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस के लिए भर्ती किया गया था। बुधवार को पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया का कट्टरता फैलाने के लिए किस कदर इस्तेमाल हो सकता है, यह इसका उदाहरण है। तेलंगाना के डीजीपी अनुराग शर्मा ने कहा कि कट्टरता और अपराधीकरण को फैलाने के लिए सोशल मीडिया का कैसे उपयोग किया जा सकता है, निकी जोसेफ केस इस मामले में क्लासिक उदाहरण है। शर्मा ने कहा, ‘वह उन लोगों के बारे में पता लगा सकती है जिन्होंने आईएसआईएस विचारधारा पर ऑनलाइन दिलचस्पी दिखाई।’

आफ्शा उर्फ निकी जोसेफ (३७) टोलीचौकी की निवासी है। उसने सोशल मीडिया पर आईएसआईएस के प्रति युवाओं को रिझाते हुए खुद को यूनाइडेट किंगडम की नागरिक बताया था। निकी को संयुक्त अरब अमीरात ने भारत को सौंपा है।

इसके बाद ११ सितंबर से आफ्शा पुलिस की हिरासत में है। शुरुआती पूछताछ के बाद जबीन को अबुधाबी से पकड़ा गया। वहां से उसे हैदराबाद लाया गया। राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उसे हिरासत में ले लिया गया।

साइबराबाद पुलिस के मुताबिक जबीन सलमान मोहिउद्दीन मामले में सह-आरोपी है। सलमान इंजिनियर ग्रैजुएट है और वह भी हैदराबाद से ही है। सलमान को इसी साल जनवरी में एयरपोर्ट से अरेस्ट किया गया था। तब वह दुबई के लिए उड़ान भरने वाला था। आरोप है कि वह दुबई से तुर्की होते हुए सीरिया जाने वाला था। वहां जाकर वह आईएसआईएस जॉइन करने वाला था। सलमान की गिरफ्तारी के बाद आफ्शा इंडियन सिक्यॉरिटी की नजरों पर चढ़ी थी।

सलमान ने स्वीकार किया था कि उसने निकी जोसेफ के साथ कई फेसबुक अकाउंट खोल रखे हैं। उसने कहा था कि वह निकी से प्रभावित है और उसने आईएस जॉइन करने के लिए सीरिया आमंत्रित किया है। इसी वजह से वह दुबई के रास्ते सीरिया जा रहा था।दोनों पर आरोप है कि इन्होंने सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को आईएसआईए से जुड़ने के लिए प्रेरित और भ्रमित किया था।

इससे पहले डीजीपी ने साइबराबाद पुलिस कमिश्नरी पर एक सोशल मीडिया मैनेजमेंट सेंटर का उद्घाटन किया। यहां से साइबराबाद पुलिस फेसबुक और ट्विटर अकाउंट्स पर नजर रखेगी।

अनुराग शर्मा ने कहा, ‘यह लोगों में जागरूकता और बदलाव लाने के लिए है। इसके साथ ही हम लोगों की सोच समझने की कोशिश करेंगे। यदि कोई बदमाश वेब के जरिए समस्या खड़ी करने की कोशिश करेगा तो हम उसके बारे में जानना चाहेंगे और ऐक्शन लेंगे।’ तेलंगाना पुलिस चीफ ने कहा, ‘हम अपनी क्षमता बढ़ाना चाहते हैं ताकि ऐसे मामलों को ठीक से निपटा सकें। हम इन मामलों में पट्रोलिंग, निगरानी और जांच को हथियार बनाएंगे। टेक्नॉलजी का विकास हो रहा है और हमें भी उस हिसाब से खुद को विकसित करना होगा।’

स्त्रोत : नवभारत टाइम्स

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