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सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति के विश्‍वव्यापी कार्य में तन-मन-धन से सहयोग करूंगा ! – एक धर्मप्रेमी जिज्ञासु

 

सिंहस्थपर्व के निमित्त नासिक में सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से राष्ट्ररक्षा और धर्मजागृति विषयपर फलक-प्रदर्शनी

द्वितीय स्नानपर्व के दिन ७ सहस्र जिज्ञासुओंने तथा अबतक ३२ सहस्र जिज्ञासुओंने देखी, सनातन-प्रदर्शनी !

द्वितीय राजयोगी स्नान के दिन प्रदर्शन देखने हेतु आये हुए भाविकोंकी भीड़

नासिक (महाराष्ट्र) : सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित प्रदर्शनी को द्वितीय राजयोगी स्नान (शाही स्नान, १३ सितंबर २०१५) के दिन ७ सहस्र जिज्ञासुओंने तथा अबतक ३२ सहस्र जिज्ञासुओंने देखी है।

यह संख्या प्रतिदिन बढती ही जा रही है।

यह प्रदर्शनी देखकर हिन्दुओंको धर्मानुसार आचरण करने की शिक्षा मिलती है। इसलिए, सभी हिन्दू बंधुओंको यह प्रदर्शनी अवश्य देखनी चाहिए। इस प्रदर्शनी को देखने आए एक जिज्ञासु ने कहा, ‘‘सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति का हिन्दुओं में धर्मजागृति लाने का कार्य सही दिशा में हो रहा है। इस विश्‍वव्यापी कार्य को मैं तन-मन-धन से सहयोग करूंगा।’’

जिज्ञासुओंकी कुछ प्रतिक्रियाएं और कुछ विशेष क्षणिकाएं !

१. पाली, राजस्थान के रामसिंह ने कहा, आप राजस्थान में यह कार्यक्रम कीजिए; हम तन, मन, धन से सहयोग करेंगे।

२. एक अन्य जिज्ञासु ने कहा, आपकी यह प्रदर्शनी हमारे मन, बुद्धि और विचारोंको गति देनेवाली है।

३. एक दंपति प्रदर्शनी देख रहे थे। उन में से पति शीघ्र चलने की बात कर रहे थे। तब उनकी धर्मपत्नी ने उन्हें इस प्रदर्शनी का महत्त्व समझाया और पूरी प्रदर्शनी देखने के लिए मना लिया।

४. कुछ लोग प्रदर्शनी देखकर इस विषय में आपस में चर्चा कर रहे थे।

५. लव जिहाद का विषय समझने पर, कुछ जिज्ञासुओंने हम से पूछा कि इस विषय में हमें क्या करना चाहिए।

६. मध्यप्रदेश के श्री योगेश दुबे ने कहा, हमारे क्षेत्र में आइए, आपका पूरा सहयोग करेंगे।

७. प्रदर्शनी देखकर जाते हुए जिज्ञासुओंके मुखपर हिन्दू धर्म का ज्ञान मिलने का आनंद झलक रहा था।

८. एक सज्जन, प्रदर्शनी में रखे देवताओंके छायाचित्रोंको छू कर नमस्कार कर रहे थे।

९. कुछ लोग सनातन की ग्रंथ प्रदर्शनी के ग्रंथ देख रहे थे। एक व्यक्ति ने ‘धर्मशिक्षा फलक’ ग्रंथ हाथ में लिया और तुरंत रखकर जाने लगा। तब, वहां खडे दूसरे व्यक्ति ने उस से कहा, एक बार किसी तीर्थक्षेत्र में नहीं गए, तो भी चलेगा; परंतु सनातन का एक तो ग्रंथ आपको खरीदना चाहिए।

१०. जालंधर (पंजाब) के दो धर्माभिमानियोंने सनातन संस्था के प्रति बहुत प्रेम जताया और संस्था को सब प्रकार से सहायता करने का आश्‍वासन दिया।

हिन्दू धर्म का इतना अच्छा प्रचार करनेवाली प्रदर्शनी पहली बार देख रहा हूं ! – जिज्ञासु

जालंधर (पंजाब) के श्री मनोज शर्मा और अन्य एक व्यक्ति प्रदर्शनी देखने आए थे।

प्रदर्शनी देखते समय उन्होंने धर्माचरण-संबंधी अनके प्रश्‍न किए और उनके उत्तर जान लिए। प्रदर्शनी देखकर वे बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि अपनी ४० वर्ष की आयु में मैं पहली बार हिन्दू धर्म का उचित और पूरे मन से प्रचार करनेवाली संस्था देख रहा हूं। आज मैं अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझ रहा हूं। मेरा यहां आना सफल हुआ।

आप जालंधर में आइए, कार्य आरंभ कीजिए, मैं आपको आर्थिक और अन्य सब प्रकार से सहायता करने के लिए सदैव तत्पर रहूंगा।

इस के पश्‍चात उन्हें हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पूज्य डॉ. चारुदत्त पिंगळे से मिलवाया गया। तब उनका भाव इतना जागृत हुआ कि उनके मुख से शब्द भी नहीं निकल पा रहे थे। पूज्य डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने उन्हें अपने पास बैठने के लिए कुर्सी दी थी; फिर भी वे भूमि पर बैठे।

उस समय पूज्य डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने उन्हें साधना से संबंधित कुछ बातें बताईं।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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