नई दिल्ली : त्यौहारों के मौसम से पहले दिल्ली सरकार ने यमुना में अपशिष्ट या पूजा सामग्री फेंककर उसे प्रदूषित करने वालों पर कड़ाई से 5,000 रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने इस संबंध में जनवरी में कुछ निर्देश जारी कर नदी को प्रदूषित करने वालों पर कार्रवाई का आदेश दिया था। इसके निर्देशों में किसी को नदी में अपशिष्ट या धार्मिक सामग्री फेंकते हुए पाये जाने पर 5,000 रुपये जुर्माना लगाने का निर्देश भी था।
डीपीसीसी, नगर निगमों, पर्यावरण विभाग और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के साथ दिल्ली के पर्यावरण मंत्री असीम अहमद खान की अध्यक्षता में हाल में एक उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला किया गया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘एमसीडी, पुलिस और डीपीसीसी अधिकारियों को नदी में धार्मिक सामग्री फेंकने वालों लोगों पर जुर्माना लगाने का अधिकार होगा। यमुना में नौ अस्थायी घाटों के निकट बैरिकेड और जाल लगाने का भी फैसला किया है। ‘
उन्होंने बताया, ‘लोगों से धार्मिक सामग्री घाट के निकट निर्धारित जगहों पर रखवाने के लिए कहा जाएगा और अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो हम उनसे कड़ाई से निपटेंगे।’ सरकार ने राजधानी में 100 दुर्गा और छठ पूजा समितियों से भी संपर्क साधने का फैसला किया है। उनसे बाढ़ एवं सिंचाई विभाग की ओर से तैयार किए गए घाट पर सामूहिक रूप से पूजा सामग्री या अपशिष्ट जमा कराने का अनुरोध किया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि ऐसा पहली बार है जब सरकार ने 5,000 रुपये जुर्माना लगाने के हरित अधिकरण के निर्देश का कड़ाई से पालन करने का फैसला किया है।
स्त्रोत : एन.डी. टी.व्हि.