सात प्रांतों के मॉडल वाला नया नेपाली संविधान भारत को मंजूर नहीं है। भारत ने नेपाल को साफ शब्दों में कह दिया है कि उसका नया संविधान न समावेशी है और न ही उस पर सहमति है।
इसमें मधेसियों और तराई के क्षेत्र की नेपाली जनता को उसके अधिकारों से वंचित किया गया है। विदेश मंत्रालय के शीर्षस्थ सूत्रों के अनुसार नेपाल सरकार को भारत ने स्पष्ट रूप से बता दिया है कि गैर बराबरी और अस्थिरता पैदा करने वाला नया नेपाली संविधान उसे मंजूर नहीं है।
साथ ही भारत ने यह भी कहा है कि नेपाल को नए संविधान की खामियों को ठीक करना ही होगा। ऐसा करके उसने नेपाल की सरकार और वहां के बड़े राजनीतिक दलों को कुछ हद तक सख्त संदेश भी दिया है।
तराई क्षेत्र में मधेसियों के आंदोलन पर अपनी गहरी चिंता का इजहार करते हुए भारत ने नेपाल से यह भी कहा है कि वहां के हालात से वह भी अछूता नहीं रह सकता।
इस संविधान के जरिये नेपाल ने अपने यहां अस्थिरता का बीज बोया है और उसे ही इस स्थिति को ठीक करना होगा। नेपाल में भारत के राजदूत रंजीत रे बुधवार को काठमांडू लौटकर नई दिल्ली का यह कड़ा संदेश नेपाली सरकार को देंगे।
संदर्भ :अमर उजाला