बीजिंग : चीन के एक अफसर ने मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले बुर्का को चरमपंथी पोशाक कहते हुए इसे पिछड़ेपन की निशानी बताया है। चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी उइगर ऑटोनॉमस रीजन कमेटी के मुस्लिम अफसर शेखावत इमिन ने कहा, ”उइगर महिलाओं को ऐसे कपड़े पहनना नहीं देखना चाहते, क्योंकि बुर्का पिछड़ेपन की निशानी है।” यह बयान उन्होंने शिंजांग में ग्लोबल टाइम्स में दिया। शेखावत ने यह भी कहा कि कुछ मर्द भी अपनी पहचान छिपाने के लिए बुर्का पहनते हैं। इससे समस्या बढ़ जाती है।
अफसर ने क्या कहा?
शिंजांग सरकार का व्हाइट पेपर जारी करते हुए उन्होंने बुर्का को चरमपंथी पोशाक बताया। उन्होंने दावा किया है कि यह मुसलमानों का कपड़ा नहीं है। शिंजांग मुस्लिम बहुल प्रांत है। दस्तावेजों में शिंजांग में इस्लामिक आतंकियों के खिलाफ चीन की कार्रवाई को डिफेंड किया गया है। कहा जा रहा है कि धार्मिक चरमपंथ से मुस्लिमों सहित सभी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके मुताबिक, जिहादी बना कर प्रांत के युवाओं को बेवकूफ बनाया जा रहा है और बेगुनहगारों की हत्या कराई जा रही है।
संदर्भ : भास्कर