हम मोदी सरकार से मांग करते हैं की डॉ. स्वामीजी की मांगों को पूरा करना चाहिए ताकि इस विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त किए हुए विद्यार्थी देशभक्त और आदर्श नागरिक बने न कि नक्सली और जिहादी । – सम्पादक, हिन्दूजागृति
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) – पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि उन्होंने जेएनयू का नाम नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नाम पर करने का प्रस्ताव दिया था, क्योंकि नेताजी पढ़े-लिखे आदमी थे, पर नेहरू ‘थर्ड क्लास’ पास थे। उन्होंने कहा कि नेहरू से ज्यादा पढ़े लिखे बोस थे। इसलिए जेएनयू का नाम सुभाष चंद्र बोस के नाम पर होना चाहिए।
स्वामी की जुबान नेहरू पर ही नहीं रूकी। उन्होंने कहा कि जेएनयू में नक्सली, जेहादी और लिट्टे वाले रहते हैं। मैं तो छात्रों को ही नहीं, प्रोफेसर्स को भी नक्सली कहता हूं। उन्होंने कहा कि जेएनयू कैंपस में एंटी नारकोटिक्स ब्यूरो को बनाया जाना चाहिए और बीएसएफ की तैनाती भी होनी चाहिए। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि अमेरिका में भी कई यूनिवर्सिटी में सुरक्षाबल तैनात रहते हैं।
गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उन्हें जेएनयू के कुलपति पद की पेशकश की है। बताया जा रहा है कि स्वामी ने इस महत्वपूर्ण पद को स्वीकार करने के पहले कुछ शर्तें रखी हैं।
स्त्रोत : न्यूज १८