बीकानेर के डुंगर महाविद्यालय में हिन्दू जनजागृति समिति का उदबोधन
बीकानेर (राजस्थान) – अच्छी पढाई, नौकरी, धंदा, बंगला, गाडी, परदेशगमन यह आज यशस्वी जीवनकी व्याख्या हो गई हैं । पर ये सब होते हुए भी दुःखी और आत्महत्या करनेवाले लोग आज हम देखते हैं । इससे ध्यान में आता हैं की कुछ भौतिक चिजों का प्राप्त करना यह यशस्वी जीवन नहीं हैं । सुख देनेवाली भौतिक चिजे नहीं, तो सदैव आनंद देने को सिखानेवाला अध्यात्म ही यशस्वी जीवन की दिशा दे सकता हैं, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेशजी शिंदे ने किया ।
राजकीय डुंगर महाविद्यालय के युवा विकास केंद्रद्वारा १९ सितंबर को इस व्याख्यान का आयोजन किया गया था । इस समय मंचपर डुंगर महाविद्यालय के प्रा. (डॉ.) चंद्रशेखर कच्छावा, श्री. सतिश गुप्ता, श्री. संजय अरोडा, श्री. आनंद जाखोटिया उपस्थित थे । इस कार्यक्रम का संचलन युवा विकास केंद्र के संचालक श्री. रामकरणजी गेहलोत ने किया । इस समय युवा विकास केंद्र के सदस्य श्री. सुनीलदत्त व्यासजी के साथ १०० से अधिक विद्यार्थी उपस्थित थे । इस समय महाविद्यालय की औरसे स्मृतीचिन्ह देकर श्री. शिंदेजी का सम्मान किया गया ।
इस समय श्री. शिंदे ने आगे बताया, वर्तमान परिपेक्ष्य में अध्यात्म का नाम लेते ही भगवे वस्त्रधारी लोग आखों के सामने आते हैं, पर हर एक के जीवन में अध्यात्म की नितांत आवश्यकता हैं । भौतिकता में सुख और यशस्वीता होती, तो आज विदेशी लोग लाखों की संख्या में भारत में सुख की खोज में नहीं आते । आज देश के विकास के लिए युवाआेंका सर्वांगीण विकास होना आवश्यक हैं । अध्यात्म के बिना विज्ञान अंधा हैं और विज्ञान के बिना अध्यात्म पंगू हैं, यह ध्यान में रखकर युवा स्वयं के विकास के लिए अध्यात्म का आधार बनाएं ।
क्षणिका
- कार्यक्रम म से पूर्व हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. शिंदे एवं अन्य कार्यकर्ताआेंद्वारा वृक्षारोपण किया गया ।
- विद्यार्थीआें को प्रोजेक्टरपर पॉवरपाँईंटद्वारा अध्यात्म का महत्त्व समझाया गया ।