धर्मशिक्षा के अभाव के कारण अयोग्य निर्णय लेनेवाले गणेशोत्सव मंडल !
पुणे – यहां २५ सितंबर को आयोजित पत्रकार परिषद में मंडलों के पदाधिकारियों ने बताया कि अपर्याप्त वर्षा एवं पानी के अभाव का ध्यान रखते हुए यहां के पांचो भी गणेशोत्सव मंडलों द्वारा गणपतियों का हौज में विसर्जन करने का निर्णय लिया गया है । श्री कसबा गणपति, गुरुजी तालीम गणपति आदि सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों के साथ अन्य तीन मंडलों ने भी यह निर्णय लिया है । पुणे के महापौर दत्तात्रय धनकवडे एवं महानगरपालिका आयुक्त कुणाल कुमार ने गणेशोत्सव मंडलों से एक निवेदन द्वारा गणेशमूर्तियों का हौज में विसर्जन करने का आवाहन किया था । उसको प्रतिसाद देते हुए यहां के पांचो भी सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों द्वारा यह निर्णय लिए जाने की जानकारी मिली । इस आवाहन में कहा गया है कि पुणे नगर से बहनेवाली मुळा-मुठा नदी की सुरक्षा एवं संवर्धन होने हेतु पुणे महानगरपालिका गणेशोत्सव मंडलों द्वारा उपलब्ध हौज में श्री गणेशमूर्तियों का विसर्जन करें । (हौज में विसर्जन करने पर श्री गणेशमूर्तियों को पुनः कूडे की गाडी से खान में डाला जाता है एवं उन मूर्तियों का विडंबन होता है । अतः हिन्दू धर्मियों की भावनाएं आहत होती हैं । इस विषय में क्या आयुक्त कुछ उपाययोजना करेंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
अपर्याप्त वर्षा के कारण उत्पन्न अवर्षण की परिस्थिति का सामना कर पानी को बचाएं एवं पर्यावरण का संवर्धन तथा सुरक्षा करें । (केवल गणेशोत्सव की कालावधि में नदी को प्रदूषण होता है, ऐसी अफवाह उठा कर आयुक्त इसी विषय में क्यों जागृत होते हैं ? वास्तव में यदि नदीके पानी के प्रदूषण की इतनी ही चिंता है, तो उनको चाहिए कि नदी में प्रतिदिन मिलाया जानेवाला लाखो लिटर गंदा पानी तथा रसायनमिश्रित दूषित पानी को रोकने हेतु प्रयत्न करें । धर्माचरण के अभाव के कारण ही अवर्षण की भीषण परिाqस्थति उत्पन्न हुई है । गणेशोत्सव के उपलक्ष्य में धर्माचरण करने हेतु सभी को धर्मशिक्षा देने की आवश्यकता है । – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) साथ ही उस में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण द्वारा दिए गए आदेश का पालन करने के संदर्भ में लिखें ।
धर्मशास्त्र के अनुसार मूर्र्तिविर्सजन बहते पानी में करना चाहिए । शास्त्र के अनुसार धर्माचरण करने से ही गणेशतत्त्व का आध्यात्मिक लाभ होता है । सनातन संस्था द्वारा विनती की जाती है कि पुणे के पांचो भी मानवाले गणेशोत्सव मंडलों को धर्मशास्त्र के अनुसार आचरण कर आदर्श स्थापित करना चाहिए । – श्री. अभय वर्तक, प्रवक्ता सनातन संस्था.