Menu Close

शिवसैनिकों द्वारा सांगली में विसर्जन के समय में होनेवाली श्री गणेशमूर्तियों की विडंबना रोकी गई !

  • शिवसेना के आनंद रजपूत ने महापालिका के विसर्जन कुंड की निरर्थकता उजागर की !

  • हिन्दुओं के आराध्य दैवत श्री गणेशजी की मूर्तियों की विडंबना करनेवालों पर शासन कार्यवाही करे !

dharmabhiimaniमिरज (महाराष्ट्र) – सांगली महापालिका द्वारा ब्राह्मणपुरी में श्री गणेशमूर्ति विसर्जन हेतु काशीविश्वेश्वर मंदिर के समीप विसर्जन कुंड रखा गया है । इस कुंड में विसर्जित होनेवाली श्रीगणेशमूर्तियों को एकत्रित कर महापालिका पुनः उनका नदी में विसर्जन करती है । २३ सितंबर को रात्रि १२ बजे महापालिका के कर्मचारी इन कुंडों से श्रीगणेशमूर्तियों को निकाल ने हेतु विसर्जन कुंड में उतरे थे । ये कर्मचारी कुंड से मूर्ति बाहर निकालते समय अन्य मूर्तियों पर पांव रख रहे थे । यह प्रकरण शिवसेना के उत्सव समिति प्रमुख श्री. आनंद रजपूत ने देखा । उन्होंने तत्काल प्रखर विरोध दर्शा कर इस प्रकरण को रोका एवं पुलिस को बुला कर सभी प्रकरण पर उनका ध्यान केंद्रित किया । तदुपरांत सवेरे ४ बजे तक सभी मूर्तियां उचित पद्धतिसे निकाल कर उनका विसर्जन होने तक वे रूके थे । इस अवसर पर श्री. गजानन मोरे के साथ अन्य शिवसैनिक भारी मात्रा में उपाqस्थत थे । (हिन्दुओं के आस्थास्थानों की विडंबना रोकनेवाले शिवसेना के श्री. आनंद रजपूत, श्री. गजानन मोरे एवं अन्य शिवसैनिकों का अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) इस विषय में अधिक जानकारी ऐसी है कि,

१. महापालिका के कर्मचारी प्रत्येक समय कुंड की श्रीगणेशमूर्तियों को ट्रैक्टर में भर पुनः उनका नदी में विसर्जन करते हैं । कुंड से मूर्ति निकालते समय प्रत्येक बार श्रीगणेशमूर्ति की विडंबना होती है । इस वर्ष श्री. रजपूत के सामने यह घटना हुई । प्रथमत: महापालिका के कर्मचारियों ने रजपूत को ही धमकाने का प्रयास किया । श्री. रजपूत ने वे शिवसैनिक होने का बताते ही कुछ कर्मचारियों ने पलायन किया । ( ऐसे धमकानेवाले कर्मचारियों पर पालिका प्रशासन क्या कार्यवाही करेंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

२. ट्रैक्टर में रखी गई अनेक मूर्तियों के अवयव भग्न हो गए थे । ये मूर्तियां अत्यंत बुरी अवस्था में थीं । इस अवसर पर समाज के अन्य नागरिक भी भारी संख्या में एकत्रित हुए, जिन में महिलाओं की संख्या ध्यान देने योग्य थी । मूर्तियों की ऐसी अवस्था देख कर महिलाएं संतप्त हुर्इं । महिलाओं ने भी महापालिका के कर्मचारियों को फटकारा ।

३. इस से पूर्व भी श्री. रजपूत ने विसर्जन कुंड न रखने के विषय में अनेक बार महापालिका को बताया था; परंतु कुछ लोगों के आग्रह के कारण महापालिका इसे दुर्लक्षित करती है । इस समय प्रत्यक्ष विडंबना होने पर कर्मचारियों ने महापालिका के उत्तरदायी अधिकारियों को आमंत्रित करने पर भी वे नहीं आए । जो देवता हमें प्राण से भी अधिक प्रिय हैं, उन की विडंबना हम नहीं देख सकते । श्री. रजपूत ने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में महापालिका द्वारा ऐसे प्रकरण नहीं रोके गए, तो शिवसेना तीव्र आंदोलन करेगी ।

४. इस अवसर पर संतप्त भक्तोंने कुंड की सभी मूर्तियों को निकालने पर पत्रे का कुंड उलटा कर दिया ।

५. भक्त आस्था से जिन गणेशमूर्तियों का विसर्जन करते हैं, महापालिका द्वारा उनकी विडंबना होती है । इसलिए भक्तों ने मूर्तियों को कुंड में विसर्जन न करते हुए नदी में करना चाहिए । श्री. रजपूत ने ऐसा आवाहन किया है ।

६. श्री रजपूत ने कहा कि शीघ्र ही इस संदर्भ में संबंधितों के विरुद्ध परिवाद प्रविष्ट करेंगे ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *