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चार सुरागों के सहारे ISI का नेटवर्क खंगालेंगी एजेंसियां

एसटीएफ समेत सभी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां गिरफ्तार किए गए आईएसआई एजेंट एजाज से मिले चार सुरागों के आधार पर कोलकाता से दिल्ली तक फैले आईएसआई के नेटवर्क को खंगालेंगी। एजाज से चार लोगों के बारे में जो जानकारी मिली है, एजेंसियां उनके जरिए बाकी लोगों तक पहुंचने की रणनीति तैयार कर रही हैं।

दूसरी ओर स्पेशल सीजेएम संजय सिंह की कोर्ट ने एजाज को १४ दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। सोमवार को उसे रिमांड पर लेने की अर्जी पर सुनवाई होगी। खुफिया एजेंसियां एजाज के पास से मिले लैपटॉप और पेन ड्राइव खंगाल रही हैं। सैन्य अधिकारियों को इससे अहम जानकारियां मिलने की उम्मीद है।

एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक ने बताया कि एजाज के लैपटॉप और पैन ड्राइव की फरेंसिक जांच के लिए कोर्ट से अनुमति ली जाएगी। इसके साथ ही उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। उसने कोलकाता के इरशाद, रईस व जहांगीर समेत जिन चार लोगों के बारे में बताया है उनके जरिए आगे के नेटवर्क को खंगाला जाएगा। एजाज से जुड़े बाकी लोगों की भी गिरफ्तारियां की जाएंगी।

लाइव विडियो दिखाता था

गिरफ्तारी के समय एसटीएफ को एजाज के पास से उसके नकली वोटर आईडी कार्ड व अन्य दस्तावेज मिले हैं। पुलिस अब यह जानकारी जुटा रही है कि किसकी मदद से ये जाली दस्तावेज तैयार कराए गए थे। सूत्रों का कहना है कि एजाज ने बरेली, मेरठ और हरिद्वार में नेटवर्क बना लिया था। बताया जा रहा है कि उसने सेना के कुछ अधिकारियों के बीच भी पैठ बना ली थी। १०वीं पास होने के बावजूद एजाज को इंटरनेट व सोशल साइट्स के इस्तेमाल में महारत थी। वह स्काइप के सहारे पाक में बैठे आकाओं को यहां के सैन्य ठिकानों की लाइव विडियो दिखाया करता था।

खुफिया तंत्र पर सवाल

एजाज की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेसियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। जनवरी २०१३ में बांग्लादेश से नदी के रास्ते भारत में घुसने वाला एजाज कोलकाता, आरा, बरेली जैसी जगहों पर १४ महीने रहा। इस दौरान उसने फर्जी कागजात तैयार कराए और वेस्ट यूपी व उत्तराखंड में अपना नेटवर्क तैयार किया। लेकिन एजेंसियों को उसकी भनक तक नहीं लगी।

स्त्रोत : नवभारत टाइम्स

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