नई दिल्ली – आतंकवाद पर अमेरिका ने एक बार फिर पाकिस्तान को साफ शब्दो में कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि, उसे पाक तालिबान और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों में फर्क नहीं करना चाहिए और यह तभी सिद्ध हो सकेगा जब वह मुंबई हमलों के दोषियोंको शिक्षा देगा।
दो दिवसीय दौरे पर भारत आए अमेरिका के डेप्युटी सेक्रटरी ऑफ स्टेट ऐंटनी ब्लिंकन ने २६/११ हमलों पर कहा कि, अमेरिका और भारत मुंबई हमलों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए एक साथ खड़े हैं।
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में ब्लिंकन ने कहा, ‘मैं नहीं मानता कि कोई भी तब तक संतुष्ट हो सकेगा जब तक उसे न्याय नहीं मिल जाता है।
उन्होंने बताया कि अमेरिका ने पाकिस्तान को कई बार सार्वजनिक तौर पर, निजी तौर पर और लगातार चेताया है कि उसे अंदरूनी आंतकी संगठनों और भारत, अमेरिका और अफगानिस्तान जैसे देशों के लिए खतरा बने दोनों तरह के आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने पाक सेना अध्यक्ष के उस वक्तव्य का हवाला देते हुए कहा कि, पाकिस्तान को इस वक्तव्य को लागू करना चाहिए, जिसमें जनरल राहिल शरीफ ने कहा था कि, आतंकी सिर्फ आतंकी होते हैं, फिर चाहे वे पाक तालिबान के हों, लश्कर-ए-तैयबा के हों या हक्कानी नेटवर्क के।
वहीं इराक और सीरिया के बाहर इस्लामिक स्टेट के बढ़ते प्रभाव के मामले पर ब्लिंकन ने कहा कि. अमेरिका इस पर पैनी नजर बनाए हुए है, खासकर अफगानिस्तान और बांग्लादेश में इसकी मौजूदगी के संकेत मिलने के बाद से।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स