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धानेपुर (उत्तरप्रदेश) – इस्लामिक स्टेट का नारा लिखते तीन किशोरोंको सीमा सुरक्षा बलने पकडा

धानेपुर (उत्तरप्रदेश) – विश्व में आतंक का पर्याय बन चुके इस्लामिक स्टेट (इस्लामिक स्टेट) की सोच युवाओंके मन में किस तरह जगह बना रही है इसकी झलक यहां देखने को मिली।

एक पानी की टंकी पर चढकर उसके चारों आेर इस्लामिक स्टेट का नारा लिखकर फोटोग्राफी कर रहे तीन किशोरोंको सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) के जवानोंने पकडकर पुलिस को सौंपा किंतु देर शाम एक नेता की पैरवी पर तीनों किशोरोंको छोड दिया गया। पुलिस का कहना है कि, आरोपियोंको नाबालिग होने के कारण छोडा गया है। (यही किशोर आगे जाकर भारतविरोधी गतविधियों में सम्मिलित हो सकते है, क्या इसका पुलिसने कभी विचार किया है ? – हिन्दूजागृति)

बर्बर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट की सोच धानेपुर जैसे छोटे गांव में भी पांव पसार रही है। इसका नमूना उस वक्त देखने को मिला, जब धानेपुर कस्बे के पूरब गली निवासी तीन किशोरोंने बीएचडी इंटर कॉलेज के पास बनी पानी की टंकी पर चारों तरफ बड़े-बड़े अक्षरों में इस्लामिक स्टेट लिख दिया।

सेल्फी भी खींची

यही नहीं, तीनोंने वहीं पर मोबाइल से अपनी सेल्फी भी खींची। इंटर कॉलेज में स्ट्रांग रूम में मतपेटियोंकी सुरक्षा में लगे एसएसबी जवानोंने तीनों किशोरोंको नीचे उतारा।

इसके बाद उन्हें धानेपुर पुलिस के हवाले कर दिया, लेकिन देर शाम गांव के ही एक नेता की पैरवी पर पुलिस ने तीनोंको बिना किसी कार्यवाई के छोड दिया।

माकपा के जिला सचिव राजीव कुमार सिंह ने पुलिस की कार्यशैली की निंदा करते हुए तीनों किशोरोंके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की है। थानाध्यक्ष देवेंद्र पांडेय ने लिखावट की पुष्टि करते हुए बताया कि टंकी पर लिखे गये नारोंको पुताई कराकर साफ करा दिया गया है।

रक्षा मामलोंके विशेषज्ञ पूर्व ले. जनरल एमसी भंडारी ने कहा है कि, इस्लामिक स्टेट पूरी दुनिया में नया इस्लामिक स्टेट बनाने की तैयारी में है। हाल में रूस-कैलिफोर्निया में हुई आतंकी घटनाएं इसकी साक्ष हैं और अब भारत पर भी इस संगठन की नजरें हैं।

दुर्भाग्य है कि देश के पास कोई राष्ट्रीय सामरिक नीति तक नहीं है। भंडारी के अनुसार १९८९-९० में अमेरिका ने ही मुस्लिम संगठनों, तालिबानियोंको अपनी सरजमींपर आतंक का प्रशिक्षण दिया, वह आज इस्लामिक स्टेट संगठन के रूप में अमेरिका को ही आंखें दिखा रहा है।

भारत पर भी इसका खतरा है, किंतु भारत के पास पर्याप्त तैयारियां नहीं हैं।

स्त्रोत : अमर उजाला

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