तिरुमाला : तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने गाय की पूजा करने की इच्छा रखने वाले तीर्थयात्रियों के लिए ‘गौ पूजा सेवा’ शुरू करने का फैसला लिया है।
देवस्थानम ट्रस्ट बोर्ड के सदस्य श्री भानुप्रकाश रेड्डी ने बताया कि यह प्रस्ताव देवस्थानम ट्रस्ट बोर्ड की हालिया मीटिंग में आया था। हमने सर्वसम्मति से सेवा शुरू करने का फैसला लिया। पवित्र गाय की पूजा करने के बहुत तरीके हैं। हम इनमें से सभी विशेष पूजाविधियों को शुरू करेंगे। तीर्थयात्री निर्धारित शुल्क का भुगतान करने के बाद पूजा करा सकते हैं।
फिलहाल श्रद्धालु, देवस्थानम द्वारा प्रबंधित गैशाला में पूजा करते हैं। वहां पर पुजारी की व्यवस्था भी नहीं। देवस्थानम ने अब अलिपिरि में तीन एकड़ भूमि की व्यव्स्था की है, जहां लगभग ५० गायें रखी जाएंगी। जो भी श्रद्धालु सेवा करना चाहते हैं उन्हें निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा।
श्री वेंकटअचला महात्म्य के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने गाय का अवतार लिया था। भगवान शिव ने बछड़े का अवतार लिया और देवी लक्ष्मी ने एक यादव नौकरानी के रूप में जन्म लिया। कहा जाता है कि वेंकटचलम पहाड़ियों में भगवान श्रीनिवास को ध्यान के लिए दूध उपलब्ध कराने के लिए गाय और बछड़े को चोल राजा को बेच दिया गया। इसलिए, श्री वेंकटेश्वर पर आस्था रखने वाले सभी श्रद्धालुओं की गाय के साथ विशेष आस्था जुड़ी होती है।
देवस्थानम की इस पहल का स्वागत करते हुए गौ पूजा पर एक किताब लिख चुके आन्नदनम चिदंबरा शास्त्री ने सुझाव दिया कि श्रद्धालुओं को संकर किस्म की गायों जैसे जर्सी की पूजा नहीं करनी चाहिए।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स