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डेविड हेडली का खुलासा- लश्कर-ए-तैयबा की आत्मघाती हमलावर थी इशरत जहां !

नई दिल्ली : अहमदाबाद पुलिस की मुठभेड़ में मारी गई इशरत जहां लश्कर-ए-तैयबा की आत्माघाती हमलावर थी, यह खुलासा किया है मुंबई हमलों के आरोपी आतंकी डेविड हेडली ने। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हेडली ने यह सूचना राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और विधि विभाग की चार सदस्यीय टीम के साथ उस समय साझा की जब टीम अमेरिका के शिकागो गई थी।

मुठभेड़ के समय एक कार में सवार थे सभी

हेडली ने बताया कि इशरत को लश्कर के मुजामिल ने अपने दस्ते में शामिल किया था। इशरत जहां १५ जून २००४ को जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्लई और पाकिस्तान के दो युवकों अमजद अली और जीशान जोहर अब्दुल गनी के साथ अहमदाबाद के बाहरी इलाके में मुठभेड़ में मारी गई थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, ये सभी लोग एक कार में सवार थे।

एनकाउंटर पर हुआ था विवाद

हेडली के इस खुलासे से गुजरात पुलिस और केंद्र के रुख की पुष्टि हुई है। इशरत के एनकाउंटर पर देश में लंबे समय तक विवाद रहा इसे फर्जी एनकाउंटर करार दिया गया था और लंबे समय तक कोर्ट में केस भी चला। इशरत के परिवार ने दावा किया था कि इशरत एक छात्रा थी। परिवार में इस मामले में कोर्ट में अपील दायर की है। दूसरी ओर, गुजरात पुलिस ने कहा था कि अहमदाबाद में मारे गए आतंकी राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने के इरादे से वहां पहुंचे थे।

हेडली बना सरकारी गवाह

मुंबई में २६/११ हमलों की साज़िश रचने वाले पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमन हेडली को विशेष टाडा अदालत ने २६/११ के आतंकवादी हमलों के मामले में माफी दे दी है और सरकारी गवाह बनाया है। कोर्ट ने साफ किया है कि हेडली को २६/११ हमलों में अपनी और बाकी सभी आरोपियों की भूमिका के बारे में बताना होगा और इन हमलों की साजिश के बारे में जानकारी देनी होगी। गौरतलब है कि हेडली की गवाही हमलों के अन्य आरोपियों को सजा दिलाने में अहम साबित होगी।

८ फरवरी को देगा गवाही

मुंबई आतंकी हमलों में अपनी भूमिका को लेकर अमेरिका में ३५ साल कैद की सजा काट रहे हेडली ने एक अदालत में एक अज्ञात स्थान से वीडियो लिंक के माध्यम से कहा कि वह माफी दिए जाने पर गवाही देने को तैयार है। हेडली आठ फरवरी, २०१६ को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अभियोजन पक्ष के गवाह के तौर पर गवाही देगा।

हेडली का गुनाह

पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आंतकी डेविड हेडली को लश्कर-ए-तैयबा का अंडरकवर एजेंट बताया जाता है, उसने लश्कर के ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लिया था। हेडली ने कथित तौर पर २००६ और २००८ के बीच पांच बार भारत का दौरा किया और इस दौरान उसने मुंबई की रेकी की। उसने ताज, ओबेरॉय होटल और नरिमन हाउस जैसी जगहों पर जाकर वीडियो फुटेज बनाए। मुंबई के प्रमुख स्थानों की हेडली द्वारा रेकी किए जाने के बाद ही लश्कर-ए-तैयबा के १० आतंकवादियों ने २६/११ हमले को अंजाम दिया था।

स्त्रोत : राजस्थान पत्रिका

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