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हिन्दुआें के सम्मान पर कभी न बोलनेवाले राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी कहते हैं, ‘अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान करें !’

हिन्दुआे, राष्ट्रपतीजी किन अल्पसंख्यों के विषय में बोल रहे है यह बताने की आवश्यकता नहीं परंतु उनसे यह पूछो कि कश्मीर, ईशान्य भारत के नागालैंड, त्रिपुरा, मणीपुर आदि राज्यों में अल्पसंख्यक हुए हिन्दुआें  के अधिकार के विषय में वे क्यों कुछ नहीं बोलते ? – सम्पादक, हिन्दूजागृति

कोलकाता राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि, अल्पसंख्यकों की संवेदनशीलता और अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने राष्ट्र में हर किसी के समावेश पर जोर दिया। यहां एशियाटिक सोसायटी में राष्ट्रपति ने इंदिरा गांधी स्मृति व्याख्यान २०१३ के दौरान कहा कि, हमें एक ऐसा वातावरण बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए, जहां हर समुदाय खुद को राष्ट्र का हिस्सा महसूस करे।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि राष्ट्रीय एकता के लिए यह आवश्यक है कि हर नागरिक राष्ट्रीय हित की प्राथमिकता को समझे। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि, क्षेत्रीय हित, राष्ट्रीय हितों से आगे निकल जाते हैं। हमें ऐसी किसी भी प्रवृत्ति से सतर्क रहने और उन्हें पनपने देने से रोकने की आवश्यकता है।

स्त्रोत : देशबन्धु

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