हिन्दुओं के पवित्र ग्रंथ गीता के बारे में राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने ऐसी बात कह दी कि सुनकर सब सन्न रह गए। वे कुरुक्षेत्र में गीता जयंती महोत्सव में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे थे।
यहां उन्होंने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता भारत का विचार है। इसे पवित्र धर्म ग्रंथ ही नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता की आस्था और जीवन ग्रंथ भी माना जाता है। इसलिए मानवता को जिंदा रखने के लिए आज गीता के श्लोकों का मनन करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि देश में पवित्र ग्रंथ गीता को लोग नहीं जानेंगे और गीता का अनुसरण नहीं करेंगे, तो वह व्यक्ति भारतीय नहीं कहलाया जा सकता। आज जन-जन तक गीता के उपदेश पहुंचाने के लिए ही प्रदेश सरकार ने हर जिले में गीता जयंती समारोह मनाने का निर्णय लिया है।
राज्यपाल प्रो. सोलंकी ने कहा कि कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह की महक देश ही नहीं, दुनिया भर में फैल रही है। पवित्र गीता का जन्म ५१५२ वर्ष पूर्व कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर हुआ था। इतना समय गुजरने के बाद भी गीता आज तक समकालीन, प्रासांगिक और याद रखने वाला ग्रंथ है।
राज्यपाल ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता को जो लोग नहीं जानते और अनुसरण नहीं करते, वे भारतीय नहीं हैं। भारत को जानने के लिए गीता का अध्ययन जरूरी है। गीता पाठ से समाज को नई दिशा दी जा सकती है।
राज्यपाल ने कहा कि नर से नारायण बनाने, भारतीय बनने और उद्देश्यों की पूर्ति के लिए गीता जानना जरूरी है। समाज में नैतिकता का पतन हो रहा है, भ्रष्टाचार का बोलबाला है, संस्कारों और विचारों में गिरावट आई है। इनका निदान केवल मात्र गीता के अनुसरण से हो सकता है।
पुरुषोत्तमपुरा बाग में कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड और विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के तत्वावधान में किया गया था। इसके पहले सत्र में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, थानेसर विधायक सुभाष सुधा, लाडवा विधायक डॉ. पवन सैनी, केडीबी की मुख्य सीईओ डॉ. पूजा भारती, विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के निदेशक डॉ. रामेन्द्र सिंह आदि ने पवित्र ग्रंथ गीता की पूजा की और दीप प्रज्वलित कर गीता पाठ शुरू किया। इसके बाद राज्यपाल, सरस्वती विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष श्याम सिंह भारद्वाज आदि ने गीता की बेदी पर पुष्प अर्पित कर गीता आरती में भाग लिया।
विद्यार्थियों ने लिया गीता पाठ में भाग
पुरुषोत्तमपुरा बाग में पहली बार हुए संपूर्ण गीता पारायण पाठ में कन्या गुरुकुल बचगांवा की १२वीं कक्षा की १०० छात्राएं, कैरो देवी लोहिया स्कूल लोहार माजरा के ५० विद्यार्थी, सुनहरी देवी स्कूल लाडवा से ५०, एसडी गर्ल्स स्कूल सुंदरपुर से १००, महंत प्रभातपुरी स्कूल, गीता गर्ल्स स्कूल, एसएमवी स्कूल, अग्रसेन पब्लिक स्कूल, डीएवी पब्लिक स्कूल, गुरुकुल स्कूल, जयराम विद्यापीठ, नवयुग स्कूल, सहारा कॉम्प्रीहेंसिव स्कूल, सैनी पब्लिक स्कूल, बीआर इंटरनेशनल स्कूल से ५०-५० विद्यार्थियों सहित कुल ८५० विद्यार्थी और २५० शिक्षक आदि ने भाग लिया।
स्त्रोत : अमर ऊजाला