इस्लामाबाद – पाकिस्तान में पुलिस ने कराची में इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और लिवैन्ट(इस्लामिक स्टेटएल) को फंड मुहैया कराने और उसके युवकों की शादी कराने वाले एक महिला नेटवर्क को पकड़ा है। सोमवार को सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि खोज अभियान तब शुरू किया गया जब पुलिस ने एक संदिग्ध को बन्दी बना लिया। इस पर आरोप है कि, शियाओं को ले जा रही एक बस पर इसने बंदूक आक्रमण के लिए वित्तीय मदद की थी। इस आक्रमण में ४४ शियाओं की मृत्यु हो गई थी। हमले में शियाओं को जानबूझकर निशाना किया गया था। पाकिस्तान के भीतर इस्लामिक स्टेट का यह पहला आक्रमण था।
सिंध प्रांत में आतंक विरोधी पथक के अध्यक्ष रजा उमर खातब ने कहा कि, एक संदिग्ध ने स्वीकार किया है कि, उसकी पत्नी ने एक धार्मिक संगठन की स्थापना की थी। इसका नाम उसने अल जिक्रा अकैडमी रखा था। इसके जरिए वह इस्लामिक स्टेट के लिए पैसा जुटाती थी।
उन्होंने कहा, ‘२० महिलाओं का यह गुट इस्लामिक स्टेटएल से संपर्क के लिए यूएसबी मुहैया कराता था। इसके साथ ही इस गुट की महिलाएं इस्लामिक स्टेट के लिए समर्थन जुटाने के पक्ष में उकसाने वाले धार्मिक उपदेश देती थीं। ये महिलाएं इस्लामिक स्टेट के समर्थकों के विवाह के लिए युवतीयों का भी प्रबंध करती थीं। सारी महिलाए पढ़ी-लिखी और धनी परिवार से हैं।’
मई महीने में हुई हत्या के लिए साद अजीज को मुख्य संदिग्ध माना जा रहा है। पाकिस्तान के प्रमुख व्यापार पाठशाला से अजीज ग्रैजुएट है। इस पर पुलिस ने आरोप लगाया है कि, वह दोनों हत्याओं के लिए उत्तरदायी है। पुलिस ने बताया कि वह शांति कायम करने की कोशिश में लगे ऐक्टिविस्ट सबीन महमूद की हत्या में भी शामिल थी। इनकी हत्या अप्रैल में हुई थी।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स