जबलपुर : विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के वरिष्ठ नेता अशोक सिंहल के निधन के बाद आयोजित पहली प्रन्यासी मंडल की बैठक में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा छाया रहा। पदाधिकारियों ने साफ कहा कि आयोध्या में राम मंदिर निर्माण सिंहल का सपना था, जो हर हाल में पूरा होना चाहिए। प्रन्यासी मंडल के उद्घाटन सत्र के बाद पदाधिकारियों की चिंतन बैठक में भी इसी मुद्दे पर मंथन हुआ। मंदिर निर्माण कानूनी प्रक्रिया के अलावा अन्य विकल्पों पर भी रायशुमारी हुई।
बैठक में राममंदिर की बाधाओं को दूर करने के लिए केंद्र सरकार पर दवाब बनाने, समाज में मंदिर निर्माण को लेकर सकारात्मक माहौल बनाने और मुस्लिम समुदाय और विपक्ष से बातचीत कर बीच का रास्ता निकालने के साथ कानूनी प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने पर बल दिया गया। बैठक में गौ-हत्या पर प्रतिबंध के मुददे की तरह मंदिर निर्माण के लिए ५२४ सांसदों से मिलकर सहमति लेने का भी फैसला किया गया।
अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष राघव रेड्डी ने केंद्रीय पदाधिकारियों और प्रन्यास मंडल की ५१वीं बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि स्व. सिंहल उनके गुरू थे। राम मंदिर निर्माण उनका सपना था। इसे पूरा करने के लिए उन्होंने संगठन को मजबूत करने, संगठन में अच्छे परिवारों को जोड़ने पर बल दिया। अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चंपत राय ने बैठक में शामिल पदाधिकारियों को स्व. सिंहल के अंतिम स्मरण और कार्यो की जानकारी दी। परिसर में माहौल गमगीन हो गया। इस दौरानपूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय एपीजे अब्दुल कलाम को मौन श्रंद्वाजलि दी गई।
श्यामदास से महाराज ने कहा कि सामाज के कुछ लोग हिन्दुत्व का विरोध करते है। राजनैतिक स्वार्थ के लिए मस्जिद टूटने का विरोध मुस्लिमों से ज्यादा हिन्दू ही करते हैं। नेताओं के बड़बोलेपन को लेकर भी श्यामदास ने कहा कि हमारे हितैषी भी कई बार बयानबाजी से माहौल खराब कर देते है। उन्हें सोच-समझकर बोलना चाहिए। मीडिया में भी हिन्दू समाज की नकारात्मक छवि बनाई जाती है। हिन्दूू यदि कोई कदम उठाता है तो उसे मीडिया खतरे की तरह पेश करता है जबकि दूसरे उठाए तो उसी मीडिया को इसमे समरसता दिखती है।
बैठक में आकर्षक का केंद्र राम मंदिर का प्रस्तावित मॉडल है। परिसर के बीच में ही करीब १२ फुट लंबा मंदिर का मॉडल रखा हुआ है। सूत्रों ने बताया कि पहली दफा केंद्रीय बैठक में मंदिर का मॉडल रखा गया है। जो साफ संकेत दे रहा है कि विहिप के एजेंडे में ये सबसे जरूरी मसला है।
स्त्रोत : दैनिक जागरण