जबलपुर : विश्व हिंदू परिषद (विहिंप) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने शनिवार को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर सीधे पीएम नरेंद्र मोदी के दखल की मांग की है। उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया की बजाए भाजपा को सीधे संसद में कानून बनाकर मंदिर निर्माण का रास्ता प्रशस्त करना चाहिए। जिस दिन ऐसा होगा वो खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विजय गाथा ध्वज लेकर गांव-गांव तक पहुंचाएंगे।
डॉ. प्रवीण तोगड़िया विहिंप के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। अग्रसेन मंडपम् में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. तोगड़िया ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के महानायक स्वर्गीय अशोक सिंघल का अधूरा स्वप्न रह गया है। इसे पूरा करना हर हिंदू का धर्म है। रामलला को झोपड़ी नहीं मानव निर्मित महल में रखना है।
अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष राघव रेड्डी ने भी मजबूती के साथ एकजुट रहने का आह्वान किया। कार्यक्रम में विदेश विभाग के प्रमुख अशोक चौगले, अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री चंपत राय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मीना ताई, कैलाश गुप्ता, गोविंद शेंडे मौजूद रहे।
ऐसे बनेगा मंदिर
डॉ. प्रवीण तोगड़िया ने मंदिर निर्माण के एजेंडे पर भाजपा के ही १९८६ में पारित प्रस्ताव का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि पालमपुर में संसद में कानून बनाकर मंदिर बनाने प्रस्ताव पारित हुआ। उस पर अमल का वक्त आ चुका है।
बता दिया ये नया नहीं
१९८४ में सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्वार जिस तरीके से सरदार पटेल ने करवाया था। मुस्लिमों से कोई चर्चा नहीं की। न्यायिक प्रक्रिया में नहीं गए। उसी तरह राम मंदिर निर्माण में संसद सीधे दखल करे।
जींस पहनने वालों का विरोध नहीं
देश के हिंदू को समृद्घ और शिक्षित बनाना है। मार्डन शिक्षा का विरोधी नहीं है। जींस पहनने वालों का भी विरोध नहीं। सिर्फ वे मंदिर में जाएं। मॉ-बाप के चरण स्पर्श करें। कुल मिलाकर संस्कारित रहें।
हिंदू की आवाज सुनने वाला नहीं
विश्व भर में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। दादरी में कोई घटना होती है तो लोग चिल्लाते हैं, लेकिन कश्मीर में हिंदुओं का नरसंहार होता है तो कोई क्यों नहीं बोलता ?
गाय कटने नहीं देंगे
भारत की धरती पर गाय कटने नहीं देंगे। जो इसका विरोध करेगा उसके लिए भारत भूमि नहीं। केंद्र सरकार को गोहत्या बंदी कानून बनाना होगा। जब नेपाल में ये कानून बन सकता है तो भारत में क्यों नहीं।
यह भी कहा
-कश्मीर में हर शुक्रवार आइएस के झंडे लहरा रहे हैं। समझौते की राजनीति नहीं चलेगी।
-घर वापसी पर कोई शर्म नहीं। गर्व है कि जिन्हें मारकर ले गए उन्हें सम्मान से वापस ला रहे हैं।
-मंदिर निर्माण से हिंदुओं की प्रतिष्ठा जुड़ी है। आइएस के झंडे हमेशा के लिए जमीन में गाड़ना है।
मप्र में उल्लू संस्कृतिः गिरीशानंद
सम्मेलन में संत गिरीशानंद महाराज ने प्रदेश सरकार की नीयत पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि गैर भाजपा वाले प्रदेशों में तो मंदिर अधिग्रहण हो ही रहा है मप्र में भी अब ये होने लगा है। चित्रकूट के कामथगिरी मंदिर को सरकार अधिग्रहित करने में लगी है। सरकार को नारायण से मतलब नहीं है बल्कि ‘लक्ष्मी’ से है।
सुरक्षा के चौकस इंतजाम
परिसर के चारों तरफ पुलिस सुरक्षा के व्यापक इंतजाम दिखे। बड़ी-बड़ी इमारतों के ऊपर सुरक्षा कर्मी निगरानी करते रहे। डॉ.तोगड़िया २७ दिसंबर को भी प्रन्यास मंडल की बैठक में शामिल होंगे।
स्त्रोत : जागरण