जो छोटी सी हिन्दू जनजागृति समिति के ध्यान में आता है, वह मंदिरोंका कामकाज देखनेवाले व्यवस्थापन के ध्यान में क्यों नहीं आता ?
मुंबई : केंद्र शासन की सुवर्ण मुद्रीकरण योजना में राज्य के सरकारीकरण हुए मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर का ४० किलो एवं शिर्डी के साई संस्थानद्वारा २०० किलो सोने का निवेश करने का निर्णय लिया गया है !
यह निर्णय अर्थात देवनिधि का अनुचित प्रयोग ही है !
भक्तोंद्वारा अर्पित सोने के अलंकार को पिघला कर उससे सोने की र्इंटें बनाने का निर्णय भक्तोंकी आस्था भंग करनेवाला है।
हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने एक प्रसिद्धिपत्रकद्वारा ऐसी मांग की है कि, ‘इस प्रकार से सुवर्ण मुद्रिकरण योजनाद्वारा देवी-देवताओंके अलंकार को ठिकाने न लगाया जाए।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात