मदुरै : तमिलनाडु में कई मंदिरों में दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं को एक जनवरी से नए ड्रेस कोड का नियम लागू किया गया है । इस संबंध में कई तीर्थस्थलों ने इसकी सूचना परिसर के फलक पर लगार्इ है।
अधिकारियों ने बताया कि, इस महीने की शरूआत में मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करते हुए मंदिरों ने इस ड्रेस कोड को लागू किया है।
पलानी मंदिर के बाहर लगी सूचना के अनुसार पुरुष श्रद्धालुओं को धोती, शर्ट, पायजामा या पैंट-शर्ट पहनने की सलाह दी गई है जबकि महिला श्रद्धालुओं से साड़ी या चूड़ीदार या ‘आधी साडी’ के साथ ‘पावाडई’ पहनने को कहा गया है।
इसमें बताया गया है कि, जो श्रद्धालू लुंगी, बरमुडा, जींस और कसी हुई लैगिंग्स पहनकर आएंगे उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि अन्य मुख्य मंदिरों ने भी इस संबंध में सूचना जारी की है।
इनमें रामेश्वरम और मीनाक्षी मंदिर भी शामिल हैं। मद्रास उच्च न्यायालय ने एक दिसंबर को अपने निर्णय में राज्य सरकार और हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ धर्मादा विभाग को आदेश दिया था कि वह मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू करें ताकि मंदिरों में आध्यात्मिक वातावरण को बढ़ाया जा सके।
एक याचिका का निपटारा करते हुए न्यायाधीश एस. विद्यानाथन ने कहा था कि, सार्वजनिक पूजा के लिए कोई परिधान होना चाहिए और आम तौर पर यह उपयुक्त ही है।
उन्होंने कहा कि, विभाग को मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू करने का विचार करना चाहिए। महिला और पुरूषों साथ ही उन्होंने बच्चों के लिए भी ड्रेस कोड के तहत पूरी तरह से ढंके हुए वस्त्र पहनने का सुझाव दिया था।
स्त्रोत : समाचार जगत