‘सनबर्न फेस्टिवल’ : कुछ अनुत्तरित प्रश्न !
‘सनबर्न फेस्टिवल’ के उपलक्ष्य मेें पैसेवाले नियम एवं कानून से भी अधिक वर्चस्ववाले सिद्ध होते हैं, यह दिखाई दिया । इससे सरकार तथा पुलिस-प्रशासन की ‘धृतराष्ट्र-गांधारी’ मानसिकता स्पष्ट हुई ।
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