हिन्दू संस्कृति के अनुसार वस्त्र परिधान करें !
हम फैशन और परिवर्तन के नामपर हमारी संस्कृति के सात्त्विक वस्त्र पहनना भूल गए है । इसलिए आइए, हम प्रतिदिन हमारे संस्कृति के अनुसार सात्त्विक वेशभूषा करने का निश्चय करें । Read more »
हम फैशन और परिवर्तन के नामपर हमारी संस्कृति के सात्त्विक वस्त्र पहनना भूल गए है । इसलिए आइए, हम प्रतिदिन हमारे संस्कृति के अनुसार सात्त्विक वेशभूषा करने का निश्चय करें । Read more »
शिक्षा का मुख्य उद्देश्य विद्यार्जन करना है । ‘सा विद्या या विमुक्तये ।’ अपने दुःख समाप्त कर निरंतर आनन्द प्राप्त करने का ज्ञान जिस से प्राप्त होता है, उसे ही विद्या कहना चाहिए । Read more »
धर्मशास्त्र में कहा गया है कि प्रत्येक को प्रात: सूर्योदय के पूर्व उठना चाहिए; परंतु आजकल अनेक बच्चे रात को पढाई करते रहते हैं अथवा दूरचित्रवाणीपर धारावाहिक अथवा चलचित्र देखते रहते हैं । Read more »
अभ्यास करते समय स्वयं में गुण कैसे आ सकते हैं अथवा जो गुण हैं उन्हें वृद्धिंगत कैसे कर सकते हैं, इस संबंध में ध्यान में आए सूत्र दे रहे हैं । Read more »
रात्रि में जब सब नींद में होते हैं, उस समय भगवान सब की रक्षा करते हैं । इस कारण प्रात: नींद खुलते ही सर्वप्रथम भगवान के चरणों में कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए । तत्पश्चात् बिछौनेपर पालथी मारकर निम्नानुसार कृत्य करने चाहिए । Read more »
प्रतिज्ञाओं को आचरण में लाने से बच्चों में राष्ट्राभिमान उत्पन्न होकर उनका राष्ट्र एवं संस्कृति की रक्षा हेतु सिद्ध होना | Read more »
अध्ययन करते समय देवताओं के चित्र रखने से तथा प्रार्थना करने से क्या लाभ होते है इस संबंधी विस्तृत जानकारी प्रस्तुत लेख मे हम देखेंगे । Read more »
समय सारणी क्यों आवश्यक है ? समय सारणी बनाते समय ध्यान में क्या बातें रखनी चाहिए ? Read more »
पूजाघर में पूजा हो चुकी हो, तो स्नान के उपरांत प्रथम पूजाघर के सामने खडे होकर भगवान को हलदी-कुमकुम एवं फूल चढाएं । Read more »
प्रात: शीघ्र उठकर अभ्यास करने से कौन से लाभ होते है यह प्रस्तुत लेख से हम देखेंगे । Read more »