बच्चो, मनका कार्य समझ लें !
मनके दो भाग होते हैं । पहला भाग, जिसे हम ‘मन’ कहते हैं, वह ‘बाह्यमन’ है । दूसरा अप्रकट भाग ‘चित्त (अंतर्मन)’ है । मनकी रचना एवं कार्यमें बाह्यमनका भाग केवल १० प्रतिशत तथापि अंतर्मनका ९० प्रतिशत है । Read more »
मनके दो भाग होते हैं । पहला भाग, जिसे हम ‘मन’ कहते हैं, वह ‘बाह्यमन’ है । दूसरा अप्रकट भाग ‘चित्त (अंतर्मन)’ है । मनकी रचना एवं कार्यमें बाह्यमनका भाग केवल १० प्रतिशत तथापि अंतर्मनका ९० प्रतिशत है । Read more »
व्यक्ति का आचरण एवं उसके बोलने के ढंग से उसका स्वभाव निर्धारित होता है । बालक के स्वभाव के गुणों के कारण वह सबको लिगता है तथा उसके स्वभावदोषों के कारण सब उससे दूर रहने का करते हैं । गुणों के कारण बालक रहता है तथा दोषों के कारण बालक दुःखी होता है। Read more »
जीवन में निरन्तर आनन्द में रहने के लिए स्वभावदोष दूर करने हेतु निरन्तर और लगनसे करना आवश्यक होता है । इस लेख से ‘स्वभावदोष निर्मूलन प्रक्रिया’ का अर्थ एवं महत्व समझ लेते है। Read more »
आनन्द़ित रहने के लिए कौनसे दोष दूर करने एवं कौनसे गुण वृद्धिंगत करने आवश्यक हैं । आगे कुछ दोष एवं उनके विपरीत गुणों की सूची दी है । दोषों का निम्न वर्गीकरण स्थूलरूप से किया है । Read more »
दैनिक व्यवहार करते समय यदि हम ‘मुझे मेरी चूकें ढूंढनी ही हैं’ ऐसा दृढ निश्चय कर सतर्क रहेंगे, तो हमें अपनी अधिकतर चूकें ध्यान में आ जाती हैं । Read more »
दिनभर की चूकें लिखने के लिए एक बही में स्वभावदोष-निर्मूलन सारणी बनाएं । इस लेख में देखते यह सरणी कैसे बनाए और कैसे लिखे। Read more »
इस पद्धति के अनुसार स्वसूचना देने से बालक को अनुचित विचार, भावना एवं अनुचित क्रिया का भान होता है तथा वह उसे नियन्त्रित कर पाता है । Read more »
अनेक प्रसंगों में बालक कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करता है अथवा उसके मन में प्रतिक्रिया उभरती है । एक-दो मिनट से अल्प समय के प्रसंग में अनुचित प्रतिक्रिया के स्थान पर उचित प्रतिक्रिया उत्पन्न हो, इसके लिए इस स्वसूचना पद्धति का उपयोग करते हैं । Read more »
‘क्या परीक्षामें भली-भांति उत्तर लिख पाऊंगा’, ऐसी चिन्ता होना, मौखिक परीक्षा, भेंटवार्ता (इंटरव्यू), वाद-विवाद प्रतियोगिता इत्यादि प्रसंगों से भय लगना आदि प्रसंगों में अनुचित प्रतिक्रिया से बचने के लिए इस पद्धति का उपयोग करते हैं । Read more »
स्वभावदोष दूर करने के लिए मन को जो स्वसूचनाएं देनी पडती हैं वो बनाते समय ध्यान में लेने योग्य सूत्र देखेंगे। Read more »