श्री गोविंदप्रभु !
श्री गोविंद प्रभु को उनके मामा, मौसी ने पाला । वे उन्हें ऋद्धिपुर लेकर गए और वही श्री प्रभु की कर्मभूमी बन गई । छोटे गोविंद प्रभु ने बोपदेव उपाध्याय से वेदों का अध्ययन आरंभ किया । तेज बुद्धिमत्ता के साथ-साथ उनमें आज्ञापालन गुण भी था । उनका जीवन बहुत ही सरल था । Read more »