श्रीकृष्ण भक्त : संत मीराबाई
जोधपुर के राठौर रतनसिंह जी की एकमात्र पुत्री मीराबाई का जन्म सोलहवीं शताब्दी में हुआ था । मीराबाईजी के बालमन में श्रीकृष्ण की ही छवि बसी थी । Read more »
जोधपुर के राठौर रतनसिंह जी की एकमात्र पुत्री मीराबाई का जन्म सोलहवीं शताब्दी में हुआ था । मीराबाईजी के बालमन में श्रीकृष्ण की ही छवि बसी थी । Read more »
हिन्दुस्थान की स्वतंत्रता हेतु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रांतिकारक आन्दोलन संघटित करने वाले आद्य क्रांतिवीर Read more »
अनंत कोटि ब्रह्मांडनायक महाराजाधिराज योगिराज परब्रह्म सच्चिदानंद भक्तरक्षक शेगाव (महाराष्ट्र)-निवासी समर्थ सद्गुरु प.पू. श्री गजानन महाराजजी के जीवन चरित्र का कालखंड बत्तिस वर्ष का है । इस काल में महाराजजी ने अनेक चमत्कार किए । Read more »
‘भगतसिंह, राजगुरु एवं सुखदेव इन महान क्रांतिकारियों को फांसी का दंड सुनाया गया था । उस समय उनके साथ इस षड्यंत्र में सहभागी शिवकर्मा, जयदेव कपूर एवं अन्य सहयोगियों को आजन्म कारावास का दंड सुनाया गया था । Read more »
श्री मच्छिंद्रनाथ तीर्थयात्रा करते-करते अनेक दुःखी, पीडितों को सुख का मार्ग दिखाने लगे, उनके दुःख दूर करने लगे । उनके नाम का जयघोष होने लगा । वे चंद्रगिरी गए । Read more »
बंगाल में गंगा नदी के तटपर नवद्वीप गांव में नीम के वृक्ष की पर्णकुटी में वर्ष १४८६ फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा को जगन्नाथ एवं शुचीदेवी को पुत्र हुआ । उसका नाम विश्वंभर रखा गया ।
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भारत वर्ष के प्राचीन एवं अर्वाचीन इतिहास में श्रीमत् आद्य शंकराचार्यजी एक महान ज्ञानी और तत्वज्ञ व्यक्तित्व के रूप में ज्ञात हैं । Read more »
तेरेडोकी गांवमें गोरा कुम्हार नामक एक विठ्ठलभक्त था । कुम्हारका काम करते समय भी वह निरंतर पांडुरंगके भजनमें तल्लीन रहता था । पांडुरंगके नामजपमें वह सदा मग्न होता था । एक बार उसकी पत्नी अपने इकलौते छोटे बच्चेको आंगनमें रखकर पानी भरने गई । Read more »
सत्याग्रहियों की बंदी के (गिरफ्तारी के) कारण कारागार भर गए । महेशदत्त दुबे, ज्वालाप्रसाद जोशी, सत्येंद्रनाथ मिश्र, ये उस समय नैनी के कारागार में दंड (सजा) भुगत रहे थे । Read more »
हिंदु वेदोंको मान्यता देते हैं और वेदोंमें विज्ञान बताया गया है । केवल सौ वर्षोंमें पृथ्वीको नष्टप्राय बनानेके मार्गपर लानेवाले आधुनिक विज्ञानकी अपेक्षा, अत्यंत प्रगतिशील एवं एक भी समाजविघातक शोध न करनेवाला प्राचीन ‘हिंदु विज्ञान’ था । Read more »