श्रेष्ठ ईश्वरभक्ति
एक बार देवर्षि नारदमुनि को अपनी भक्तिपर बडा गर्व हुआ । उन्हें लगा, हम सदैव ‘नारायण नारायण’का जाप करते रहते हैं, इसलिए हमारी बराबरी में भगवानजी का खरा एवं प्रिय भक्त इस त्रिखंड में कोई नहीं है । अंतर्ज्ञान से भगवान श्री विष्णु इस भ्रम को समझ गए । Read more »