प्रल्हाद कथा
यह कथा श्री वसिष्ठजी द्वारा श्रीरामजी को योगवसिष्ठ में विद्यमान उपशम प्रकरण में कथन की गई है । इससे यह स्पष्ट होता है कि उपासना के योग से ईश्वर की कृपा प्राप्त कर ज्ञान संपन्नता आती है और आत्मज्ञान प्राप्त होने हेतु स्वयं के प्रयासों एवं विचारों की आवश्यकता है । Read more »