श्री दुर्गादेवी द्वारा शुम्भ-निशुम्भ का वध
शुम्भ और निशुम्भ नाम के दो राक्षस थे । १० सहस्र वर्षों तक उन्होंने अन्न और जल का त्याग कर ब्रह्माजी की तपस्या की और तीनों लोकों पर राज करने का वरदान प्राप्त किया । शुम्भ और निशुम्भ से रक्षा करने के लिए देवताओं के गुरु बृहस्पतिजी ने ‘देवी जगदंबा’ अर्थात ‘श्री दुर्गादेवी’ का आवाहन किया । Read more »