सब धन धूली समान !
राजा कृष्णदेवराय के राज्य में संत पुरंदरदास नामक संत रहते थे । संत पुरंदरदास जी का जीवन सादगी भरा था । वे ईश्वर के भक्त होने के कारण लोभ से भी मुक्त थे । राजाने अपने गुरु व्यासराय के मुख से संत पुरंदरदास जी की प्रशंसा अनेक बार सुनी थी । तब राजा के मन मे संत पुरंदरदास जी की परीक्षा लेने का विचार आया । Read more »