मृत्यु को लौटानेवाली सिद्धि का मूल्य भी आत्मज्ञान के आगे शून्य होना ।
सिद्धि का उपयोग आत्मज्ञान प्राप्त करने के मार्ग की रुकावट कैसे है यह संत ज्ञानेश्वर एवं चांगदेव इनकी इस कथा से हम देखेंगे । Read more »
सिद्धि का उपयोग आत्मज्ञान प्राप्त करने के मार्ग की रुकावट कैसे है यह संत ज्ञानेश्वर एवं चांगदेव इनकी इस कथा से हम देखेंगे । Read more »
शिवाजी महाराज के इष्टदेव के कारण शत्रु का दुष्ट संकल्प कैसे विफल हुआ यह इस कथा से हम देखेंगे । Read more »
लगभग ४०० वर्ष पूर्व तमिलनाडू में त्यागराज नामक रामभक्त हुए । वे उत्तम कवि भी थे । वे प्रभु राम के स्वयंरचित भजन गाया करते थे । आइए उनके विषय में एक कथा यहा पढेंगे…. Read more »
भक्त दामाजी भगवान पांडुरंग के निस्सीम भक्त थे । राज्य मे आया संकट दूर करने के लि्ए उन्होने सम्राट से पूछे बिना गोदाम से धान लोगों मे बाटा । यह बात राजा को पता चलने के बाद पांडुरंग के अपने भक्त का कैसे रक्षण किया यह इस कथा से देखेंगे । Read more »
भारत संतों की भूमि है । ऐसा होते हुए भी राष्ट्रहित के लिए कार्य करनेवाले संतों की संख्या बहुत कम है । उनमें से एक अर्थात समर्थ रामदास स्वामी ! उनके बचपन में घटे कुछ प्रसंग एवं उनकी साधना की यात्रा के बारे में यहां संक्षेप में दे रहे हैं । Read more »
संत भक्तराज महाराजजी ने भगवान श्रीविठ्ठल के गले में हार पहनाया और पुडियामें से एक पेडा निकालकर श्रीविठ्ठल के मुख में लगाया । तब आधा पेडा अचानक अदृश्य हो गया । Read more »
समर्थ रामदासजी ने एक गृहिणी का अहंकारी चित्त शुद्ध चित्त में कैसे परिवर्तन किया यह इस कथा से देखेंगे । Read more »
परमेश्वर की प्राप्ति के लिए हमारे अंदर तीव्र लगन का होना आवश्यक है । केवल लगन से ही परमेश्वर की प्राप्ति संभव है । आईए, परम पूजनीय रामकृष्ण परमहंस की एक कथा से तीव्र लगन का उदाहरण सुनें । Read more »
विवेकानंदजी के गुरुदेव संत रामकृष्ण परमहंस अपने भक्तगणों से वार्तालाप करते समय अपने परमप्रिय भक्तों का उल्लेख करते थे जो, एकदम सरल, सीधे-सादे दिखनेवाले, समाज में रहकर एवं अपने गृहस्थ जीवन में रहकर साधना करनेवाले थे । Read more »
बच्चो, राष्ट्रगुरु समर्थ रामदासस्वामी ने दिया ‘जय जय रघुवीर समर्थ’ यह मंत्रजाप आप जानते ही होंगे । कठोर साधना के कारण लडकपन में ही उन्हें प्रभु श्रीराम के दर्शन हुए । इस कथा से उनकी र्इश्वरप्राप्ती की लगन देखेंगे । Read more »