बच्चों पर अल्पायु में ही संस्कार कैसे करें ?
संस्कार की नींव अर्थात अनुशासन । प्रत्येक कृति के लिए यदि अनुशासन, नियम नहीं बनाए, तो वह कृति अपूर्ण होती है । प्रात: उठने से लेकर रात्री सोनेतक अनुशासन का अचूकता से पालन करें, तो अध्यात्म में शीघ्र प्रगति होती है । उसके लिए बाल्यावस्था में ही अनुशासन का संस्कार बालमनपर अंकित करना चाहिए । Read more »