अभिभावको, हमारे युवकों की नैतिकता घट रही है !
पूर्वकाल में सायंकाल दीप लगाने के समय घर आने की परम्परा थी । आज स्थिति यह है कि अभिभाव रात्रि में विलम्ब से आनेवाले अपने लडके की प्रशंसा करते नहीं थकते । Read more »
पूर्वकाल में सायंकाल दीप लगाने के समय घर आने की परम्परा थी । आज स्थिति यह है कि अभिभाव रात्रि में विलम्ब से आनेवाले अपने लडके की प्रशंसा करते नहीं थकते । Read more »
हम बच्चों में सदैव दिखनेवाली तथा जिनपर घरेलू उपाय करने संभव हैं, ऐसी कुछ ओंपर विचार करेंगे । Read more »
अत्यंत निराशा के कारण बच्चे हिंसाचार की ओर मुड रहे हैं । परीक्षा के माध्यम से गुणवत्ता को सिद्ध करते हुए उच्चतम स्थान तक पहुंचने की आतंकी प्रतियोगिता, यह निराशा का बडा कारण है । Read more »
भय के कारण मनुष्य संकट के प्रसंगों से दूर भागता है । आग अथवा गुंडों से दूर भागता है, उस समय उनका भय योग्य होता है;रंतु काल्पनिक कथाएं एवं अंधेरा, तिलचट्टा इत्यादि विषयों का भय अयोग्य है । Read more »
बच्चों को सदा शास्त्रज्ञ कुशाग्रबुद्धि के प्रसिद्ध व्यक्तित्व की उत्तम कहानियां सुनाएं तथा बडे पदको प्राप्त करने के लिए उन व्यक्तियों को क्या परिश्रम करने पडे इसकी जानकारी बच्चों के मनपर प्रभावकारी रूपसे अंकित हो.. Read more »