In a session on ‘Perspectives for Hindu organisations’ (From left) Pandit Nilkantha Tripathi Maharaj (Founder, Shri Nilkantha Seva Sansthan, Raipur, Chhattisgarh), H.H. (Dr) Shibnarayan Sen (Deputy Secretary, Shastra Dharma Prachar Sabha, Kolkata, Bengal), H.H. Yogi Devraha Jungle Maharaj (Guide, Janbaz Hindustani Seva Samiti, Pratapgarh, Uttar Pradesh), Sadguru Nandkumar Jadhav (Dharmapracharak Saint, Sanatan Sanstha, Maharashtra), and the compère Mrs Kshipra Juvekar (Sanatan Sanstha, Jalgaon, Maharashtra)
“हिन्दू संगठनों के लिए दृष्टिकोन इस उद्बोधन सत्र में
व्यासपीठ पर बाएं से पं. नीलकंठ त्रिपाठी महाराजजी (संस्थापक, श्री नीलकंठ सेवा संस्थान, रायपुर, छत्तीसगढ), पू. (डॉ.) शिवनारायण सेनजी (उपसचिव, शास्त्र धर्म प्रचार सभा, बंगाल), पू. योगी देवराहा जंगल महाराजजी (मार्गदर्शक, जांबाज हिन्दुस्थानी सेवा समिति, प्रतापगढ, उत्तर प्रदेश), सद्गुरु नंदकुमार जाधवजी (धर्मप्रचारक संत, सनातन संस्था, महाराष्ट्र) तथा सूत्रसंचालक श्रीमती क्षिप्रा जुवेकर (सनातन संस्था, जळगांव, महाराष्ट्र)”
H.H. Yogi Devraha Jungle Maharaj (Guide, Janbaz Hindustani Seva Samiti, Pratapgarh, Uttar Pradesh) being felicitated by Mr Vishwanath Kulkarni (State Coordinator, Hindu Janajagruti Samiti, East Uttar Pradesh and Bihar)
पू. योगी देवराहा जंगल महाराजजी (मार्गदर्शक, जांबाज हिन्दुस्थानी सेवा समिति, प्रतापगढ, उत्तर प्रदेश) का सम्मान करते श्री. विश्वनाथ कुलकर्णी (राज्य समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति, पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बिहार)
H.H. (Dr) Shibnarayan Sen (Deputy Secretary, Shastra Dharma Prachar Sabha, Kolkata, Bengal) being felicitated by H.H. Pradeep Khemka (Dharmapracharak Saint, Sanatan Sanstha, Jharkhand)
पू. (डॉ.) शिवनारायण सेनजी (उपसचिव, शास्त्र धर्म प्रचार सभा, बंगाल) का सम्मान करते पू. प्रदीप खेमकाजी (धर्मप्रचारक संत, सनातन संस्था, झारखंड)
Pandit Nilkantha Tripathi Maharaj (Founder, Shri Nilkantha Seva Sansthan, Raipur, Chhattisgarh) being felicitated by Mr Hemant Kanaskar (State Coordinator, Hindu Janajagruti Samiti, Chattisgarh)
पं. नीलकंठ त्रिपाठी महाराजजी (संस्थापक, श्री नीलकंठ सेवा संस्थान, रायपुर, छत्तीसगढ) का सम्मान करते श्री. हेमंत कानस्कर (राज्य समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति, छत्तीसगढ)
Sadguru Nandkumar Jadhav (Dharmapracharak Saint, Sanatan Sanstha, Maharashtra), explaining the importance of performing spiritual practice for establishing the ‘Hindu Rashtra’
हिन्दू राष्ट्र-स्थापना की दृष्टि से साधना करने का महत्त्व एवं लाभ उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठों को समझाते सद्गुरु नंदकुमार जाधवजी (धर्मप्रचारक संत, सनातन संस्था, महाराष्ट्र)
Pandit Nilkantha Tripathi Maharaj (Founder, Shri Nilkantha Seva Sansthan, Raipur, Chhattisgarh) describing the horrific attacks on Saints in the Congress-ruled States
कांग्रेस के शासन में संतों पर हो रहे अत्याचारों की भयावहता का वर्णन करते पं. नीलकंठ त्रिपाठी महाराजजी (संस्थापक, श्री नीलकंठ सेवा संस्थान, रायपुर, छत्तीसगढ)
While exposing the hollowness of modern trends such as same-sex marriages and live-in relationships, H.H. (Dr) Shibnarayan Sen (Deputy Secretary, Shastra Dharma Prachar Sabha, Kolkata, Bengal) said, “These anti-Hindu trends are a conspiracy to weaken Hindu Dharma and the Hindu way of life”.
समलैंगिकता, लिव इन रिलेशनशिप आदि आधुनिक प्रथाओं का खंडन करते हुए पू. (डॉ.) शिवनारायण सेनजी (उपसचिव, शास्त्र धर्म प्रचार सभा, बंगाल) ने कहा, ‘‘समलैंगिकता’ तथा ‘लिव-इन-रिलेशनशिप’, ये सब हिन्दू धर्म को खोखला करने के लिए रचा गया षड्यंत्र है !’’