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पंथ एवं संप्रदाय की सीख के परे धर्माधिष्ठित एवं सभी के लिए उपयुक्त गुरुकृपायोग !

पंथ एवं संप्रदाय की सीख उसके अनुयायियोंतक ही सीमित होती है । सभी को वह अपनी नहीं प्रतीत होती । इसके विपरीत धर्म तो केवल…

बुद्धिजीवी के अपेक्षा ‘मुझे दिखाई नहीं देता’, इसका खुले मन से स्वीकार करनेवाला श्रेष्ठ !

मोतियाबिंदवाले व्यक्ति को छोटे अक्षर दिखाई नहीं देते । यदि उसे किसी ने पढकर दिखाया, तो मोतियाबिंदवाला व्यक्ति कभी ‘वहां अक्षर है, इसका आप भ्रम…

कुछ अच्छा अथवा बुरा होनेपर इस प्रकार से दृष्टिकोण होना चाहिए !

‘कुछ अच्छा होनेपर ‘ईश्‍वर की कृपा से हुआ’, यह दृष्टिकोण होना चाहिए, तो कुछ बुरा होने से ‘मेरे प्रारब्ध के कारण हुआ’, यह विचार होना…

हिन्दू राष्ट्र में साधना कैसे की जाती है ?

हिन्दू राष्ट्र में स्थित विद्यालयों में भूगोल, गणित, रसायनशास्त्र इत्यादि जीवन के लिए निरूपयोगी विषयों की अपेक्षा बच्चे सात्त्विक कैसे होंगे, अर्थात साधना कैसे की…

ब्रह्मांड में व्याप्त प्राणिमात्रों के कल्याण की चिंता करनेवाले ईश्‍वर

कहां केवल अपने परिजन अथवा अपनी जातिबंधुआें के हित को देखनेवाले संकीर्ण वृत्ति का मनुष्य, तो कहां अनंक कोटि ब्रह्मांड में व्याप्त प्राणिमात्रों के कल्याण…

क्षयरोग में केवल खांसी की औषधि देने जैसे उपरी उपाय भ्रष्टाचार के संदर्भ में भी करनेवाला शासन !

सर्वत्र व्याप्त भ्रष्टाचार एवं अनैतिकता क्या उपर उपर के उपाय कर रुकनेवाली है क्या ? उसके मूलतक जाने का अर्थ है नैतिकता एवं साधना सिखाना…

साधना न करनेवालों एवं बुद्धिवादियों को सूक्ष्म विश्व दिखाई नहीं देता

जिस प्रकार अंधों को स्थूल विश्व दिखाई नहीं देता, उसी प्रकार साधना न करनेवालों एवं बुद्धिवादियों को सूक्ष्म विश्व दिखाई नहीं देता । विश्व दिखाई…

साधना एवं हिन्दू धर्म की शिक्षा ग्रहण करने हेतु पूरे विश्व के जिज्ञासु एवं साधक भारत में आते हैं

हिन्दू धर्म का मूल्य न जाननेवाले भारत के हिन्दू उच्च शिक्षा हेतु अमेरिका को प्रयाण करते हैं । उसी प्रकार साधना एवं हिन्दू धर्म की…