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हिन्दू जनजागृति समिति के अभियान

महाराष्‍ट्र के दुर्गों पर अनधिकृत मजार, दरगाह, कब्र बांधकर हो रहा है इस्लामी अतिक्रमण !

छत्रपति शिवाजी महाराज के हिन्दवी स्वराज्य में किलों का अनन्य महत्त्व था । ये किले वर्तमान पीढी को प्रेरणा देते हैं; परंतु इनकी उचित देखभाल न होने के कारण टूट-फूट हो रही है । एक तरफ हमारी निर्मित विरासत का संरक्षण एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, वहीं दूसरी तरफ इन पर अवैध अतिक्रमण के जरिए कानून-व्यवस्था का सीधा उल्लंघन हो रहा है।

Signature Campaign : भारतीय संविधान में असंवैधानिक रूप से जोडा हुआ ‘सेक्‍युलर’ शब्द हटाने की मांग करें !

आज ‘सेक्यूलर’ शब्द का अर्थ सीधे-सीधे ‘धर्मनिरपेक्षता’ ऐसा लगाया जाता है । ‘संविधान के अनुसार भारत धर्मनिरपेक्ष है, इसलिए ‘सार्वजनिक जीवन में हिन्दू धर्म को…

Sign Petition : फेसबुक की हिन्दूद्वेष की श्रृंखला जारी ही है !

अब फेसबुक ने समिति का हिन्दी पृष्ठ भी बंद कर दिया है । साथ ही अमेरिका में स्थित हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन ‘फोरम फॉर  हिन्दू   अवेकनिंग’ (एफएचए) का पृष्ठ बंद कर दिया गया है ।

Sign Petition : देशभक्‍त एवं धर्मप्रेमी हिन्दुओं के निम्न मांगो की पूर्तता करें !

राष्ट्र-धर्म पर हो रह आघात रोकने और हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करने के लिए हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘ऑनलाइन’ ‘‘हिन्दू राष्ट्र जागृति सभा’’ का आयोजन…

वेब सीरीज को सेन्सर बोर्ड जैसे केंद्रीय प्रमाणपत्र प्राधिकरण के क्षेत्राधिकार में लाया जाए !

हिन्दू जनजागृति समिति की मांग भारत में प्रतिदिन महिलाओं पर अत्‍याचार की घटनाएं बढ रही हैं । बलात्‍कार की संख्‍या बढ रही है । ऐसे…

‘सनबर्न फेस्टिवल’ : युवा पिढी को अनैतिकता के चक्रव्यूह में ढकेलनेवाला फेस्टिवल !

‘सनबर्न फेस्टिवल’ भी युवा पिढी को नशीले पदार्थ, शराब तथा अनैतिकता के चक्रव्यूह में ढकेलकर उनके जीवन को जला रहा है । प्रशासन द्वारा सनबर्न फेस्टिवल पर पाबंदी लगा ने की मांग हिन्दु जनजागृति समिति द्वारा की जा रही है ।

बकरी र्इद के समय होनेवाली गोहत्या रोकें !

इस वर्ष २२ अगस्त २०१८ को बकरी र्इद है । सरकार हिन्दुआें को त्यौहार ‘इको फ्रेंडली’ (पर्यावरण को पूरक) रूप में मनाने के लिए कहती है, उसी प्रकार सरकार को मुस्लिमों से कहना चाहिए की आप भी ‘इको फ्रेंडली’ बकरी र्इद मनाए तथा इस अवसर पर इस्लाम में बताए गए सभी नियमों का पालन करे ।

हिन्दुआेंपर अत्याचार

१९ जनवरी १९९० – ये वही काली तिथि है जब लाखों कश्मीरी हिंदुओं को सदैव के लिए अपनी धरती, अपना घर छोड कर अपने ही देश में शरणार्थी होना पडा । वे आज भी शरणार्थी हैं ।